उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का कहना है उन्हें छह दिसंबर पर कोई अफ़सोस नहीं है और उन्होंने इसकी कीमत चुका दी. वे चार अगस्त को ही अयोध्या पहुंच जाएंगे. उनका कहना है कि कोरोना का रोना रोकर भूमि पूजन रोकने की कोशिश हो रही है जो कामयाब नहीं होगी और गगनचुंबी राम मंदिर बन कर रहेगा.
कल्याण सिंह ने एनडीटीवी को बताया कि वे भूमिपूजन से एक दिन पहले अयोध्या पहुंच जाएंगे. सिंह ने कहा,'' यह दिन मेरे लिए बहुत अहम है क्योंकि इस दिन राम मंदिर के लिए आधारशिला रखी जाएगी. मेरे जीवन की आकांक्षा रही है कि भव्य और दिव्य राम मंदिर बनें. उसकी कल्पना पूरी होने जा रही है.''
कल्याण सिंह ने कहा, ''बाबर के सिपहसालार मीर बाकी ने मंदिर तोड़ मस्जिद बनाई थी. बाबरी मस्जिद इबादत के लिए नहीं बल्कि हिंदुओं को अपमानित करने के लिए बनाई गई थी. सीबीआई ने भी माना है कि 1992 तक वहां कोई नमाज नहीं पढ़ता था. 6 दिसंबर को विवादित ढांचा गया, सरकार गई, राम मंदिर बनने की संभावना नजर आई.''
ओवैसी के बयान पर कल्याण सिंह ने कहा कि ओवैसी जैसे लोग भारत की संस्कृति का विरोध करते हैं. राम मंदिर का विरोध करने वालों को परमात्मा सदबुद्धि दे. कल्याण सिंह ने कहा कि मंदिर का मुहुर्त अच्छे से देखा गया है इसलिए इसमें विवाद खड़े करने जैसा कुछ नहीं है. कल्याण सिंह ने कहा कि राम मंदिर बनेगा तो राष्ट्र मंदिर बनेगा. इससे भारत की संस्कृति का डंका दुनिया में बजेगा.
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कल्याण सिंह ने कहा, ''कोरोना के रोने से राम मंदिर बनना रुकने वाला नहीं है. बाबरी मस्जिद हिंदुओं की गुलामी का एक प्रतीक थी. 6 दिसंबर को राम जन्मभूमि की मुक्ति हुई. मैंने प्रशासन को कारसेवकों पर गोली चलाने के लिए मना किया था. मैं आज भी कारसेवकों पर गोली न चलाने के आदेश पर गर्व करता हूं.'' सिंह ने कहा कि ढांचा गिरने के बाद मैंने इस्तीफा दे दिया था ,मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे से बड़ी कीमत क्या दे सकता हूं. अगर विवादित ढांचा न गिरता तो मंदिर बनना नामुमकिन होता.
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