युवती के यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अशोक कुमार गांगुली ने आज कहा कि उन्होंने फिलहाल यह तय नहीं किया है कि पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग (डब्ल्यूबीएचआरसी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया जाए या नहीं।
न्यायमूर्ति गांगुली ने कहा, मैंने तय नहीं किया है। मैं अनिश्चय की स्थिति में हूं। जब उनसे कुछ लोगों द्वारा डब्ल्यूबीएचआरसी के अध्यक्ष पद से उनके इस्तीफे की मांग किए जाने जबकि कुछ लोगों द्वारा उनका समर्थन किए जाने की स्थिति में उनसे उनके भावी कदम के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा, उसके बारे में सोचने का वक्त नहीं आया है।
दरअसल, भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने सोमवार रात न्यायमूर्ति गांगुली के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा था, न केवल सीजर की पत्नी बल्कि सीजर को भी संदेह से परे होना चाहिए।
हाल ही में जब सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश अल्तमस कबीर से यह पूछा गया था कि क्या न्यायमूर्ति गांगुली को डब्ल्यूबीएचआरसी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, उन्होंने कहा, कोई बस आरोपों के आधार पर स्वत: इस्तीफा नहीं दे देता। मैं जानता हूं कि उन्होंने कहा है कि वह स्तब्ध हैं। मैं शायद ही कभी विश्वास करूंगा कि ऐसा संभव है।
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