फाइल फोटो
कोलकाता:
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायधीश सीएस कर्णन ने सरकारी अस्पताल के चार सदस्यीय मेडिकल टीम से यह कहते हुए चिकित्सा जांच कराने से इनकार कर दिया कि ''वह पूरी तरह से सामान्य हैं और उनका दिमाग स्थिर है.'' न्यायमूर्ति कर्णन ने मेडिकल जांच से इनकार करने के बाद चिकित्सकों को लिखित में दिया,''चूंकि मैं पूरी तरह से सामान्य हूं और मेरा दिमाग स्थिर है, मैं चिकित्सा उपचार का लाभ लेने से इनकार करता हूं.'' उन्होंने कहा, ''उच्चतम न्यायालय के आदेश के बारे में मेरा दृढ़ विचार है कि यह न्यायाधीश (मेरा) का अपमान और उत्पीड़न करता है.''
न्यायमूर्ति ने चिकित्सकों से कहा कि इस तरह की मेडिकल जांच कराने के लिए अभिभावक की सहमति लेनी होती है, ''चूंकि मेरे परिजन यहां नहीं हैं, तो उनकी कोई सहमति भी नहीं है, इसलिए कोई मेडिकल जांच भी नहीं हो सकती.'' उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी और पुत्र चेन्नई में हैं वहीं दूसरा पुत्र फ्रांस में काम कर रहा है. गौरतलब है कि उच्चतम न्यायलय ने न्यायमूर्ति कर्णन की चिकित्सकों के दल से जांच कराने के आदेश एक मई को दिए थे.
इसी आदेश के पालन के लिए चिकित्सकों का चार सदस्यीय दल पुलिस के साथ कोलकाता स्थित उनके आवास पर बुधवार सुबह गया था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
न्यायमूर्ति ने चिकित्सकों से कहा कि इस तरह की मेडिकल जांच कराने के लिए अभिभावक की सहमति लेनी होती है, ''चूंकि मेरे परिजन यहां नहीं हैं, तो उनकी कोई सहमति भी नहीं है, इसलिए कोई मेडिकल जांच भी नहीं हो सकती.'' उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी और पुत्र चेन्नई में हैं वहीं दूसरा पुत्र फ्रांस में काम कर रहा है. गौरतलब है कि उच्चतम न्यायलय ने न्यायमूर्ति कर्णन की चिकित्सकों के दल से जांच कराने के आदेश एक मई को दिए थे.
इसी आदेश के पालन के लिए चिकित्सकों का चार सदस्यीय दल पुलिस के साथ कोलकाता स्थित उनके आवास पर बुधवार सुबह गया था.
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