18 मई 2007 को जुमे की नमाज के दौरान मक्का मस्जिद में एक ब्लास्ट हुआ था.
नई दिल्ली:
2007 के हैदराबाद की मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में फैसला सुनाने वाले जज ने आज इस्तीफा दे दिया. गौरतलब है मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने स्वामी असीमानंद समेत सभी 5 आरोपियों को बरी कर दिया है. विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी ने कहा कि रेड्डी ने मेट्रोपोलिटन सत्र न्यायाधीश को अपना इस्तीफा सौंपा. रेड्डी ने अपने इस्तीफे के लिए निजी कारणों का हवाला दिया और कहा कि इसका आज के फैसले से कोई लेना देना नहीं है. अधिकारी ने कहा कि दरअसल उन्होंने कहा कि वह काफी समय से इस्तीफा देने पर विचार कर रहे थे.
गौरतलब है कि इससे पहले अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. इसमें मुख्य आरोपियों में से एक स्वामी असीमानंद को भी अदालत ने बरी कर दिया था. भारत मोहन लाल रतेश्वर, देवेंद्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, राजेंद्र चौधरी को भी अदालत ने बरी कर दिया. इस मामले की सुनवाई के दौरान 54 गवाह बयान से मुकर गए थे.
VIDEO : असीमानंद समेत सभी 5 आरोपी बरी
क्या था मामला
आपको बता दें कि हैदराबाद में 18 मई 2007 को जुमे की नमाज के दौरान मक्का मस्जिद में एक ब्लास्ट हुआ था. इस विस्फोट में नौ लोगों की मौत हुई थी, जबकि 58 लोग घायल हुए थे. स्थानीय पुलिस की शुरुआती छानबीन के बाद मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया. इस केस की सुनवाई के दौरान 160 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे. सीबीआई एक आरोपपत्र दाखिल किया. इसके बाद 2011 में सीबीआई से यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के पास गया.
इस्तीफा देने वाले जज रविंदर रेड्डी.
एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी ने कहा कि रेड्डी ने मेट्रोपोलिटन सत्र न्यायाधीश को अपना इस्तीफा सौंपा. रेड्डी ने अपने इस्तीफे के लिए निजी कारणों का हवाला दिया और कहा कि इसका आज के फैसले से कोई लेना देना नहीं है. अधिकारी ने कहा कि दरअसल उन्होंने कहा कि वह काफी समय से इस्तीफा देने पर विचार कर रहे थे.
गौरतलब है कि इससे पहले अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. इसमें मुख्य आरोपियों में से एक स्वामी असीमानंद को भी अदालत ने बरी कर दिया था. भारत मोहन लाल रतेश्वर, देवेंद्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, राजेंद्र चौधरी को भी अदालत ने बरी कर दिया. इस मामले की सुनवाई के दौरान 54 गवाह बयान से मुकर गए थे.
VIDEO : असीमानंद समेत सभी 5 आरोपी बरी
क्या था मामला
आपको बता दें कि हैदराबाद में 18 मई 2007 को जुमे की नमाज के दौरान मक्का मस्जिद में एक ब्लास्ट हुआ था. इस विस्फोट में नौ लोगों की मौत हुई थी, जबकि 58 लोग घायल हुए थे. स्थानीय पुलिस की शुरुआती छानबीन के बाद मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया. इस केस की सुनवाई के दौरान 160 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे. सीबीआई एक आरोपपत्र दाखिल किया. इसके बाद 2011 में सीबीआई से यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के पास गया.
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