नई दिल्ली:
बहुचर्चित कोयला घोटाले में सोमवार को उस वक्त एक नया मोड़ आ गया, जब दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में इस मामले की सुनवाई कर रहे विशेष जज भरत पराशर ने कहा कि बचाव पक्ष के एक जूनियर वकील ने उनसे संपर्क साधा था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री दासारी नारायण राव और पूर्व सांसद नवीन जिंदल के खिलाफ सीबीआई के मामले की सुनवाई कर रहे विशेष जज ने इस संबंध में किसी का नाम तो नहीं लिया और ना ही यह बताया कि उस वकील ने उनसे क्या कहा और उन्हें किस तरह प्रभावित करने की कोशिश की।
हालांकि उन्होंने खुली अदालत में कहा कि पहले भी किसी ने उनसे संपर्क किया था और अब फिर उनसे संपर्क किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कि वह यह भी जानते हैं कि इस मामले में आगे भी उनसे संपर्क की कोशिश की जाएगी।
उनके इन बातों का इशारा सीधे तौर पर बचाव पक्ष की ओर था, जो कि अपने हाई प्रोफाइल क्लाइंट्स की पैरवी कर रही थी। जज ने इस बात पर नाराजगी जताई और बचाव पक्ष के वकीलों को साफ निर्देश दिया कि वे सुनिश्चत कर लें कि जिन्होंने 'वकालतनामा' फाइल की है, वे ही कोर्ट में उपस्थित हो सकें। उनके अलावा बचाव पक्ष की ओर से कोई वकील कोर्ट में मौजूद नहीं रहेगा। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की सुनवाई 30 जून तक स्थगित कर दी।
इससे पहले बीते 22 मई को ही विशेष अदालत ने कांग्रेस नेता एवं उद्योगपति नवीन जिंदल, पूर्व कोयला राज्य मंत्री दासारी नारायण राव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और सात अन्य की जमानत अर्जी मंजूर की थी। जिंदल, राव, कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव हरीश चंद्र गुप्ता और अन्य आरोपी के रूप में सीबीआई के स्पेशल जज भरत पराशर के सामने पेश हुए थे और उन्होंने जमानत के लिए अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री दासारी नारायण राव और पूर्व सांसद नवीन जिंदल के खिलाफ सीबीआई के मामले की सुनवाई कर रहे विशेष जज ने इस संबंध में किसी का नाम तो नहीं लिया और ना ही यह बताया कि उस वकील ने उनसे क्या कहा और उन्हें किस तरह प्रभावित करने की कोशिश की।
हालांकि उन्होंने खुली अदालत में कहा कि पहले भी किसी ने उनसे संपर्क किया था और अब फिर उनसे संपर्क किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कि वह यह भी जानते हैं कि इस मामले में आगे भी उनसे संपर्क की कोशिश की जाएगी।
उनके इन बातों का इशारा सीधे तौर पर बचाव पक्ष की ओर था, जो कि अपने हाई प्रोफाइल क्लाइंट्स की पैरवी कर रही थी। जज ने इस बात पर नाराजगी जताई और बचाव पक्ष के वकीलों को साफ निर्देश दिया कि वे सुनिश्चत कर लें कि जिन्होंने 'वकालतनामा' फाइल की है, वे ही कोर्ट में उपस्थित हो सकें। उनके अलावा बचाव पक्ष की ओर से कोई वकील कोर्ट में मौजूद नहीं रहेगा। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की सुनवाई 30 जून तक स्थगित कर दी।
इससे पहले बीते 22 मई को ही विशेष अदालत ने कांग्रेस नेता एवं उद्योगपति नवीन जिंदल, पूर्व कोयला राज्य मंत्री दासारी नारायण राव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और सात अन्य की जमानत अर्जी मंजूर की थी। जिंदल, राव, कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव हरीश चंद्र गुप्ता और अन्य आरोपी के रूप में सीबीआई के स्पेशल जज भरत पराशर के सामने पेश हुए थे और उन्होंने जमानत के लिए अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं।
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