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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने फिर एक प्रेस कान्फ्रेंस कर अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कुछ नए ऐलान किए हैं. इस बार ऐलान हाउसिंग और एक्सपोर्ट सेक्टर से जुड़े हैं. देश भर में अटके हुए अफ़ॉर्डेबल और मिडिल क्लास हाउसिंग प्रोजेक्ट्स जो NPA या दिवालिया अदालत में नहीं हैं उनके लिए सरकार ने दस हज़ार करोड़ रूपए के फंड का एलान किया है. एक महीने में तीसरी बार वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस की है. जिसमें अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए कई अहम ऐलान किए जा चुके हैं. इस बार बार निर्यात और हाउसिंग क्षेत्र में राहत देने के लिए सरकार ने ऐलान किए हैं.
10 बड़ी बातें
फंड की कमी से अटके मिडिल क्लॉस किफ़ायती हाउसिंग प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए सहायता दी जाएगी. इसके लिए सरकार 10000 करोड़ देगी. लेकिन इसका लाभ वही बिल्डर्स उठा पाएंगे जिनका NPA नहीं है और न ही जिनके केस दिवालिया अदालत में चल रहे हैं.
यह मदद स्पेशल विंडो के ज़रिए की जाएगी. इससे देशभर में अटके 3.5 लाख घरों को पूरा करने में मदद मिलेगी. लेकिन इस योजना का लाभ जेपी/आम्रपाली और यूनिटेक में दिल्ली एनसीआर के लगभग 70000 घर ख़रीदारों को इसका फ़ायदा नहीं मिलेगा क्योंकि ये तीनों ही बिल्डर दिवालिया अदालत में है एनपीए हैं.
सरकार ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी कई अहम ऐलान किए हैं. एक्सपोर्ट क्रेडिट के लिए 36,000 करोड़ से 68,000 रुपए और दिए जाएंगे.
नई योजना रेमिशन ऑफ ड्यूटीज-टैक्सेस ऑन एक्सपोर्ट के जरिए एक्सपोर्टर को 50 हजार करोड़ रुपए का फायदा दिया जाएगा. हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री निर्यात के लिए ई-कॉमर्स का इस्तेमाल कर पाएगी.
एक्सपोर्ट का समय कम करने के लिए दिसंबर तक विशेष योजना शुरू की जाएगी. एक्सपोर्ट क्रेडिट इंश्योरेंस स्कीम का दायरा बढ़ेगा.
दुबई की तर्ज़ पर भारत में भी मार्च 2020 में 4 थीम पर 4 अलग-अलग जगहों पर एनुअल मेगा शॉपिंग फेस्टिवल कराए जाएंगे.
सीतारमण ने कहा कि 2018-19 की चौथी तिमाही में औद्योगिक उत्पादन से संबंधित सारी चिंताओं के बाद भी जुलाई 2019 तक हमें सुधार के स्पष्ट संकेत दिखाई देते हैं. उन्होंने कहा कि आंशिक ऋण गारंटी योजना समेत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में ऋण का प्रवाह सुधारने के कदमों के परिणाम दिखाई देने लगे हैं.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीतारमण से पूछा गया कि कोई अर्थव्यवस्था में मंदी कह रहा है, कोई गिरावट, आप क्या कहेंगी? तो उन्होंने जवाब दिया कि वो नाम देने के लिए नहीं बल्कि सुधार के लिए काम करने के लिए हैं.
उन्होंने कहा कि आंशिक ऋण गारंटी योजना समेत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में ऋण का प्रवाह सुधारने के कदमों के परिणाम दिखाई देने लगे हैं. उन्होंने कहा, 'कई एनबीएफसी को फायदा हुआ है.'
वित्तमंत्री ने कहा सरकार ने इससे पहले वाहन क्षेत्र की मदद, पूंजीगत लाभ कर में कमी और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए अतिरिक्त नकदी की सहायता जैसे उपायों की घोषणा की थी.