दिल्ली की राउज़ ऐवेन्यू कोर्ट ने चिदंबरम की ED के सामने सरेंडर करने की याचिका ख़ारिज कर दी है. चिदंबरम ने 5 सितंबर को कोर्ट में ED की सामने सरेंडर करने की याचिका दायर की थी. गुरूवार को कोर्ट के नोटिस का जवाब देते हुए ED ने चिदंबरम को हिरासत में लेने से मना कर दिया था. पी चिदंबरम INX मीडिया मामले में सीबीआई केस में 19 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं. आपको बता दें कि दिल्ली के राउज ऐवेन्यू कोर्ट में कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) की ईडी के सामने गुरुवार को कोर्ट में सरेंडर करने वाली याचिका पर सुनवाई हुई थी. आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गत 5 सितंबर को राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा था. कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. कोर्ट में आज ईडी ने चिदंबरम की सरेंडर याचिका का विरोध किया था. चिदंबरम की तरफ से उनके वकील कपिल सिब्बल ने पूछा कि जब ईडी चिदंबरम को गिरफ्तार करना नहीं चाहता तो 20 और 21 अगस्त को उन्हें गिरफ्तार करने के लिए क्यों पहुंचा था?
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ED कई दस्तावेज़ों की जांच कर रही है. छह लोगों को बुलाकर पूछताछ की जा चुकी है. तीन लोगों से पूछताछ अब भी जारी है. उन्होंने कहा कि चिदंबरम को गिरफ्तार करने से पहले हम अपनी पूरी तैयारी कर लेना चाहते हैं. फ़िलहाल हम उन्हें गिरफ्तार नहीं करना चाहते. हम बाद में चिदंबरम की गिरफ्तारी करेंगे ताकि हम पूरी तैयारी के साथ उनसे पूछताछ कर सकें. मेहता ने कहा कि हमारी हिरासत के 15 दिन तब ही शुरू होंगे जब हम छह लोगों से पूछताछ खत्म कर लेंगे. अब पूछताछ में दो दिन भी लग सकते हैं, चार दिन भी लग सकते हैं. हम छह सितंबर से पूछताछ कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चिदंबरम अभी न्यायिक हिरासत में हैं इसलिए सबूतों से कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकते. चिदंबरम गवाहों को प्रभावित भी नहीं कर सकते इसलिए हम गवाहों से पूछताछ कर रहे हैं. उनके न्यायिक हिरासत में रहते हुए ही हम ज़्यादा से ज़्यादा पूछताछ कर सकते हैं.
चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि ईडी पहले तो बहुत उत्सुक थी चिदंबरम को गिरफ्तार करने के लिए. ईडी तो चिदंबरम को गिरफ़्तार करने 21 अगस्त को उनके घर भी गई थी. 20 तारीख को भी चिदंबरम के घर के बाहर नोटिस लगाकर आए थे. ईडी ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट दोनों में ही कहा कि वह चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहता है. सिब्बल ने कहा कि ये चाहते हैं कि चिदंबरम को ज़्यादा से ज़्यादा न्यायिक हिरासत में रखें. फिर हिरासत में लें और फिर चिदंबरम को न्यायिक हिरासत में भेज दें. अब ये छह लोगों से पूछताछ का बहाना बना रहे हैं. ये चिदंबरम को तक़लीफ़ पहुंचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चिदंबरम तो जांच में सहयोग करना चाहते हैं. हम तो कह रहे हैं कि आप हमें हिरासत में लीजिए. अगर आपको पूछताछ करनी नहीं थी तो आप 20 और 21 अगस्त को चिदंबरम को गिरफ्तार करने क्यों आए? आरोपी के पास अधिकार है कि वह कोर्ट में सरेंडर कर सके. चिदंबरम ने तो कोर्ट में ख़ुद आकर कहा कि मैं सरेंडर करना चाहता हूं.
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ईडी ने कहा कि चिदंबरम 5 सितंबर तक पुलिस कस्टडी में थे. फिर 15 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं. हम अलग एजेंसी हैं. हम PMLA के तहत जांच कर रहे हैं. ऐसे तो हर आरोपी सरेंडर करके कहेगा कि एजेंसी मुझे हिरासत में ले ले. कोर्ट तय कर सकता है, उन्हें 15 दिन की हिरासत मे भेज सकता है. अभी तक हमने इस पूरे मामले में चार्जशीट फाइल नहीं की है. कोर्ट ने इस बहस के बाद चिदंबरम की सरेंडर करने की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित कर लिया और आज चिदंबरम की याचिका को खारिज कर दिया.
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