सब्रमण्यम स्वामी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति पद की पेशकश किए जाने की खबरों पर विश्वविद्यालय के छात्र संघ ने स्वामी को ‘प्रतिगामी सोच वाला व्यक्ति’ बताते हुए इस तरह की किसी भी कोशिश का पूरी ताकत से विरोध करने की चेतावनी दी।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने गुरुवार को एक बयान में कहा, ‘‘स्वामी हों या अन्य कोई प्रतिगामी सोच वाला व्यक्ति हो, छात्र समुदाय पूरी ताकत से जेएनयू के भगवाकरण के किसी प्रयास का विरोध करेगा।’’ छात्र संघ ने कहा कि अगर स्वामी की नियुक्ति की जाती है तो यह पूरी तरह नियमों का उल्लंघन होगा क्योंकि इस पद के लिए आवेदक की आयुसीमा 65 वर्ष है। स्वामी इससे अधिक आयु के हैं।
एचआरडी मंत्रालय की पेशकश
समझा जाता है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्वामी को जेएनयू के कुलपति पद की पेशकश की है लेकिन उन्होंने इस पद को स्वीकार करने से पहले कुछ शर्तें रखी हैं।
समझा जाता है कि मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस बारे में स्वामी से बात की। हालांकि मंत्रालय से इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि भाजपा नेता ने पेशकश कबूल करने के लिए मंत्रालय के सामने क्या शर्तें रखी हैं।
छात्र संघ का बयान
छात्र संघ ने अपने बयान में कहा, ‘‘जेएनयूएसयू ने प्रमुख संस्थानों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्यों की पिछले दरवाजे से नियुक्तियों की मौजूदा सरकार की कोशिशों के खिलाफ लगातार अपनी आवाज उठाई है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने भी 2011 में स्वामी के खिलाफ कार्रवाई की थी और अल्पसंख्यकों के खिलाफ उनके बयानों के बाद उनके द्वारा पढ़ाये जा रहे दो पाठ्यक्रमों को बंद कर दिया था।
स्वामी ट्वीट कर दी 'चेतावनी'
इस बीच स्वामी ने आज एक ट्वीट कर जेएनयू परिसर में नक्सलियों, जिहादियों और राष्ट्रविरोधियों को गिरफ्तार करने के लिए एक नारकोटिक्स रोधी ब्यूरो दफ्तर खोलने का सुझाव दिया।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मुझे लगता है कि जेएनयू के परिसर में नारकोटिक्स रोधी ब्यूरो का शाखा कार्यालय खोलने की जरूरत है जो छात्रावासों में छापे मारे और नक्सलियों, जिहादियों और राष्ट्रविरोधियों को गिरफ्तार करे। बीएसएफ का शिविर भी हो।’’
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने गुरुवार को एक बयान में कहा, ‘‘स्वामी हों या अन्य कोई प्रतिगामी सोच वाला व्यक्ति हो, छात्र समुदाय पूरी ताकत से जेएनयू के भगवाकरण के किसी प्रयास का विरोध करेगा।’’ छात्र संघ ने कहा कि अगर स्वामी की नियुक्ति की जाती है तो यह पूरी तरह नियमों का उल्लंघन होगा क्योंकि इस पद के लिए आवेदक की आयुसीमा 65 वर्ष है। स्वामी इससे अधिक आयु के हैं।
एचआरडी मंत्रालय की पेशकश
समझा जाता है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्वामी को जेएनयू के कुलपति पद की पेशकश की है लेकिन उन्होंने इस पद को स्वीकार करने से पहले कुछ शर्तें रखी हैं।
समझा जाता है कि मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस बारे में स्वामी से बात की। हालांकि मंत्रालय से इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि भाजपा नेता ने पेशकश कबूल करने के लिए मंत्रालय के सामने क्या शर्तें रखी हैं।
छात्र संघ का बयान
छात्र संघ ने अपने बयान में कहा, ‘‘जेएनयूएसयू ने प्रमुख संस्थानों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्यों की पिछले दरवाजे से नियुक्तियों की मौजूदा सरकार की कोशिशों के खिलाफ लगातार अपनी आवाज उठाई है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने भी 2011 में स्वामी के खिलाफ कार्रवाई की थी और अल्पसंख्यकों के खिलाफ उनके बयानों के बाद उनके द्वारा पढ़ाये जा रहे दो पाठ्यक्रमों को बंद कर दिया था।
स्वामी ट्वीट कर दी 'चेतावनी'
इस बीच स्वामी ने आज एक ट्वीट कर जेएनयू परिसर में नक्सलियों, जिहादियों और राष्ट्रविरोधियों को गिरफ्तार करने के लिए एक नारकोटिक्स रोधी ब्यूरो दफ्तर खोलने का सुझाव दिया।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मुझे लगता है कि जेएनयू के परिसर में नारकोटिक्स रोधी ब्यूरो का शाखा कार्यालय खोलने की जरूरत है जो छात्रावासों में छापे मारे और नक्सलियों, जिहादियों और राष्ट्रविरोधियों को गिरफ्तार करे। बीएसएफ का शिविर भी हो।’’
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