दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) में रविवार को लाठी-डंडों से लैस करीब 50 नकाबपोश बदमाशों ने छात्रों व शिक्षकों पर हमला कर दिया. घटना में कई छात्र घायल हो गए, घटना के बाद से राजनीति तेज हो गई है, जहां बीजेपी ने घटना के लिए लेफ्ट संगठनों को जिम्मेदार बताया है वहीं लेफ्ट की तरफ से RSS से जुड़े छात्र संगठन ABVP को घटना के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है. BSP नेता मायावती ने सोमवार को ट्वीट कर कहा "जेएनयू में छात्रों एवं शिक्षकों के साथ हुई हिंसा अति-निन्दनीय एवं शर्मनाक. केन्द्र सरकार को इस घटना को अति-गम्भीरता से लेना चाहिये. साथ ही इस घटना की न्यायिक जांच हो, तो यह बेहतर होगा"
JNU में छात्रों व शिक्षकों के साथ हुई हिंसा अति-निन्दनीय व शर्मनाक। केन्द्र सरकार को इस घटना को अति-गम्भीरता से लेना चाहिये। साथ ही इस घटना की न्यायिक जाँच हो जाये तो यह बेहतर होगा।
— Mayawati (@Mayawati) January 6, 2020
गौरतलब है कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार शाम को छात्रों के साथ हुई मारपीट में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संगठन (JNUSU) की अध्यक्ष आइशी घोष भी गंभीर रूप से घायल हो गई थी, जबकि कई अन्य छात्र घायल हो गए थे. मामले में दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. दिल्ली पुलिस को इस मामले में कई शिकायतें मिली थीं, जिन्हें कल्ब करके एक केस बनाया गया है. पुलिस का कहना है कि उसने कुछ हमलावरों की पहचान भी कर ली है. पूरे मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है. पुलिस ने जेएनयू प्रशासन ने सीसीटीवी फुटेज मांगे हैं. वहीं, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस के जनसम्पर्क अधिकारी (पीआरओ) एम. एस. रंधावा ने छात्रों और शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक भी की है.
बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह ने भी दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बात कर पूरे मामले की रिपोर्ट देने को कहा था. साथ ही गृहमंत्री ने कैंपस में कानून व्यवस्था को बहाल करने की भी बात कही थी. गृहमंत्री के कार्यालय ने ट्वीट किया था कि केंद्रीय गृहमंत्री ने जेएनयू हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस आयुक्त से बात की और उन्हें जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.
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