JNU के वाइस चांसलर ने आज कुछ छात्रों से बातचीत की. उन्होंने हॉस्टल छोड़ चुके छात्रों से कैंपस में लौटने की अपील की है. साथ ही रजिस्ट्रेशन की तारीख भी बढ़ा दी गई है. लेकिन छात्र संघ ने आज साफ कर दिया है कि छात्र बढ़ी हुई फीस का एक रुपये भी नहीं देंगे. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में शनिवार को वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार ने करीब दो दर्जन छात्रों से मुलाकात करके कैंपस के तनाव को कम करने की कोशिश की. लेकिन इसमें JNU छात्र संघ के किसी भी पदाधिकारी को नहीं बुलाया गया.
कुलपति ने छात्रों से अपील की है कि वे कैंपस में आएं और कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन कराएं. उधर JNU छात्र संघ ने कैंपस में हुई हिंसा के लिए प्रशासन और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है. छात्र संघ का कहना है कि पांच तारीख को फीस बढ़ने के खिलाफ हम लोग जमा हुए. यहां तपन बिहारी और कुछ शिक्षकों ने छात्रों को हिंसा के लिए उकसाया. 30 से 40 गुंडे प्रशासनिक ब्लाक में जमा हुए. तीन बजे आईशी घोष ने SHO बसंत कुंज को मैसेज भेजा. तीन बजकर सात मिनट पर पुलिस ने पढ़ा भी लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया. तीन बजकर 45 मिनट पर आईशी ने फिर SHO से बात की लेकिन कोई नहीं आया. इसी के बाद ABVP ने हिंसा शुरू की. इससे साफ होता है कि ABVP के पीछे पुलिस और JNU प्रशासन साथ था.
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आईशी घोष ने कहा कि होस्टल के सुरक्षा ऑडिट की बात खोखली है जब तपन बिहारी और सौरभ शर्मा जैसे लोग लेक्चरर बन जाएंगे.
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फिलहाल JNU छात्रसंघ ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) की हॉस्टल सुविधा शुल्क वापस लेनी की पेशकश को ठुकरा दिया है. छात्रसंघ ने साफ कर दिया है कि पुरानी फीस के आधार पर रजिस्ट्रेशन कराएंगे और बढ़ी फीस का एक रुपये भी जमा करने को तैयार नहीं हैं.
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