नई दिल्ली:
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ यानी आरएसएस ने दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी को देश विरोधी ताकतों का अड्डा बताया है। संघ ने अपने मुखपत्र 'पांचजन्य' में दरार का गढ़ नाम से कवर स्टोरी छापी है और कहा कि जेएनयू नक्सली गतिविधियों का मुख्य केंद्र है और यहां देश को तोड़ने वालों का एक तबका तैयार हो रहा है।
पांचजन्य के लेख में कहा गया है-
-जेएनयू का छात्र नक्सल समर्थक
-2010 के नक्सली हमले के बाद जेएनयू में जश्न
-जेएनयू में राष्ट्रवाद को अपराध माना जाता है
-जेएनयू में राष्ट्रीय प्रतीकों और चिह्नों का अपमान
-जेएनयू में धर्म परिवर्तन कराया जाता है
-जेएनयू में 'महिषासुर दिवस' मनाया जाता है
-फ़ूड फेस्टिवल में कश्मीर को अलग देश दिखाने की कोशिश
इन आरोपों पर जेएनयू के वाइस चांसलर ने एसके सोपोरी कहा कि यहां पूरे देश से अलग-अलग विचारों के छात्र हैं। बीजेपी के भी चार सांसद जेएनयू के छात्र रहे हैं। जेएनय़ू के कई छात्र राजदूत और छात्र वगैरह हैं। हमारे छात्र अफसरशाही में सभी जगह हैं। कुछ छात्रों को राष्ट्र विरोधी नहीं सत्ता विरोधी कह सकते हैं। एक घटना पर पूरे वि.वि पर आरोप ठीक नहीं।
पांचजन्य के लेख में कहा गया है-
-जेएनयू का छात्र नक्सल समर्थक
-2010 के नक्सली हमले के बाद जेएनयू में जश्न
-जेएनयू में राष्ट्रवाद को अपराध माना जाता है
-जेएनयू में राष्ट्रीय प्रतीकों और चिह्नों का अपमान
-जेएनयू में धर्म परिवर्तन कराया जाता है
-जेएनयू में 'महिषासुर दिवस' मनाया जाता है
-फ़ूड फेस्टिवल में कश्मीर को अलग देश दिखाने की कोशिश
इन आरोपों पर जेएनयू के वाइस चांसलर ने एसके सोपोरी कहा कि यहां पूरे देश से अलग-अलग विचारों के छात्र हैं। बीजेपी के भी चार सांसद जेएनयू के छात्र रहे हैं। जेएनय़ू के कई छात्र राजदूत और छात्र वगैरह हैं। हमारे छात्र अफसरशाही में सभी जगह हैं। कुछ छात्रों को राष्ट्र विरोधी नहीं सत्ता विरोधी कह सकते हैं। एक घटना पर पूरे वि.वि पर आरोप ठीक नहीं।
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