जम्मू एवं कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टी नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) और सरकार में उसकी सहयोगी कांग्रेस पार्टी के बीच दरार तेजी से बढ़ती नजर आ रही है। इधर, दोनों पार्टियों के आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में साथ लड़ने के फैसले में भी देरी हो रही है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा था कि जम्मू एवं कश्मीर की आजादी नामुमकिन है, ऐसे में ब्रिटेन द्वारा स्कॉटलैंड और आयरलैंड के लिए जिस तरह की विशेष व्यवस्था की गई है, ठीक उसी तरह की व्यवस्था इस राज्य के लिए की जानी चाहिए।
यह बयान कांग्रेस को स्वीकार्य नहीं हुआ, इससे राज्य एवं केंद्र में दोनों दलों के बीच राजनीतिक गठजोड़ बरकरार रहने की संभावना क्षीण पड़ गई है।
एनसी के वरिष्ठ नेता और उमर के चाचा मुस्तफा कमाल ने कांग्रेस पर आक्षेप करते हुए इसे पार्टी के संस्थापक मोहम्मद शेख मुहम्मद अब्दुल्ला का अपमान करार दिया है।
कमाल और उनके भतीजे शेख नजीर ने विवादित मसले को उठाते हुए संवाददाताओं से कहा, "राज्य का विलय डोगरा के महाराजा हरि सिंह द्वारा उस वक्त हुआ था, जब शेख अब्दुल्ला जेल में थे। इसलिए वह किस आधार पर एक पार्टी को जम्मू एवं कश्मीर का 1947 में भारत में विलय का जिम्मेदार मान सकते हैं।"
उमर के बयान पर कांग्रेस और अलगाववादी नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
अलगाववादी नेता सैफुद्दीन सोज ने कहा कि यह बयान इतिहास पर आधारित नहीं है।
वरिष्ठ कट्टरपंथी व अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी ने कहा कि शेख ने अपनी आत्मकथा 'आतिश-ए-चिनार' में लिखा है कि आदिवासियों के हमले को रोकने के लिए भारतीय सेना की मदद में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है।
वहीं, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के मुख्य प्रवक्ता नईम अख्तर ने कहा, "चुनाव के नजदीक एनसी हमेशा घाटी के समर्थन वाले पत्ते खेलते आई है। इसने संभवत: पूर्व में इसकी मदद की है, मगर लोग अब समझते हैं कि यह सत्ता में आने के लिए किसी के साथ भी गठबंधन कर सकती है। क्या इसने केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सहयोग कर ऐसा नहीं किया था?"
राज्य में लोकसभा चुनाव अगले वर्ष विधानसभा चुनाव से पूर्व होना है। एनसी के साथ दरार के कारण लोकसभा चुनाव में इसके साथ गठबंधन करना कांग्रेस के लिए काफी मुश्किलों भरा हो सकता है।
इस बीच, दोनों ही पार्टियां राज्य में अकेले सरकार बनाने में सक्षम होने का दावा कर रही हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने जम्मू एवं श्रीनगर में पार्टी के सम्मलेन के दौरान कहा था कि गठबंधन पर फैसला सही समय आने पर किया जाएगा।
इसके साथ ही आजाद ने एनसी और पीडीपी के साथ गठजोड़ करने के पार्टी के विकल्प को खुला रखा है।
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