बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने दावा किया है कि वह अब भी विधायक दल के नेता हैं और उन्हें बिहार विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने का मौका दिया जाना चाहिए। राज्यपाल से मुलाकात के बाद मांझी ने मीडिया से कहा कि मैं ही विधायक दल का नेता हूं। नीतीश कुमार का विधायक दल का नेता चुना जाना असंवैधानिक है।
उधर, मांझी समर्थक विधायकों का कहना है कि उन्हें बीजेपी का समर्थन प्राप्त है।
इससे पहले, आज बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को जनता दल युनाइटेड से निकाल दिया गया है। पार्टी विरोधी कार्यों की वजह से निकाले जाने की बात पार्टी के नेता कह रहे हैं। वहीं, खबर यह भी है कि राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी दोपहर में मांझी से मिल सकते हैं। जेडीयू की ओर पार्टी प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। साथ ही जेडीयू ने कहा कि पीएम मोदी से मुलाकात के बाद मांझी के स्वर बागी हो गए हैं।
उल्लेखनीय है कि पार्टी नेता नीतीश कुमार और पार्टी प्रमुख शरद यादव काफी दिनों से जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री का पद त्यागने के लिए कह रहे थे, लेकिन मांझी मुख्यमंत्री पद छोड़ने को तैयार नहीं थे।
कई बार बात करने के बाद भी जब वह पद छोड़ने को तैयार नहीं हुए और लगातार दावा करते रहे कि उनके पास सदन में बहुमत है, तो पार्टी नेताओं ने उन्हें पार्टी से ही निष्कासित कर दिया।
बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार अब खुद सीएम बनना चाहते हैं ताकि इस वर्ष होने वाले बिहार चुनाव से पहले वह कमान अपने हाथ में रख सकें।
बता दें कि जदयू विधायक दल के नवनिर्वाचित नेता नीतीश कुमार सरकार बनाने का दावा करने के लिए सोमवार दोपहर डेढ़ बजे राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से मुलाकात करेंगे। राजभवन के सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्यपाल सोमवार सुबह नौ बज कर 30 मिनट पर कोलकाता से पटना लौटेंगे।
इससे पहले रविवार को दिन में नीतीश ने जदयू, राजद, कांग्रेस, भाजपा और एक निर्दलीय विधायक की ओर से उन्हें समर्थन देने का पत्र राजभवन को सौंप दिया। उन्होंने 233 सदस्यीय सदन में उन्हें 130 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया है।
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