मानसून की वर्तमान स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने किसानों को सहायता पहुंचाने के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी ने तत्काल बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों से बात कर उनकी जरूरत के अनुसार उन्हें सहायता पहुंचाने की रणनीति एक सप्ताह के भीतर पूरी कर लें. उन्होंने सभी उपायुक्तों को इस मसले पर अलर्ट करते हुए हर जिले में दलहन और तिलहन के बीज, खाद आदि की उपलब्धता भरपूर रहे, इसकी व्यवस्था करने को कहा.
कम पानी में होने वाली फसल का दायरा बढ़ाने का निर्देश देते हुए उन्होंने जिलों में बीज और खाद की उपलब्धता की भौतिक स्थिति से अवगत कराने को भी कहा है. उन्होंने कृषि विभाग को निर्देश दिया कि अगर आगे भी अच्छी बारिश नहीं हुई और सूखे की स्थिति बनी, तो किसानों को राहत पहुंचाने के लिए उस समय का इंतजार नहीं करें. अभी से अपनी तैयारी रखें, ताकि ससमय राहत उपलब्ध हो सके.
गांवों में रोजगार की कमी नहीं रहे
मुख्य सचिव ने कम बारिश से खेती के प्रभावित होने की स्थिति में गांवों में हर हाथ को काम देना सुनिश्चित करने का निर्देश मनरेगा आयुक्त को दिया. मनरेगा आयुक्त ने बताया कि फिलहाल जल शक्ति योजना के तहत 54 हजार नई योजना पर पूरे राज्य में काम चल रहा है तथा उससे रोजगार भी सृजित हो रहा है. उन्होंने बताया कि मजदूरी भुगतान के लिए भी केंद्र से 150 करोड़ रुपये मिल गए हैं, इसलिए तत्काल मजदूरी भुगतान भी हो रहा है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक गांव में मनरेगा के द्वारा शार्ट और लांग टर्म योजनाएं संचालित हैं तथा रोजगार सृजन हो रहा है.
सूखे की स्थिति से समय रहते निबटने पर बल देते हुए मुख्य सचिव ने स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड के 350 करोड़ रुपये एक सप्ताह के भीतर उपायुक्तों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. इस फंड से उपायुक्त किसानों को बीज और खाद की खरीद में बतौर अनुदान पैसा उपलब्ध कराएंगे. मुख्य सचिव ने कहा कि इससे किसानों को काफी राहत मिलेगी.
पेयजल मद का अतिरिक्त 80 करोड़ जारी करें
कम बारिश से पेयजल संकट की आशंका को देखते हुए मुख्य सचिव ने सभी को पेयजल उपलब्ध कराने की तैयारियों को अमलीजामा पहनाने का निर्देश दिया. इस वर्ष इस मद में 100 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. मुख्य सचिव ने इस मद की अतिरिक्त 80 करोड़ रुपये तत्काल जिलों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
क्या है बारिश और खेती की स्थिति
आंकड़ों के अनुसार राज्य में अभी तक 45 फीसदी कम बारिश हुई है, जो पिछले वर्ष से भी कम है. इससे आठ जिलें चतरा, बोकारो, धनबाद, गोड्डा, पाकुड़, रांची, सरायकेला-खारसावां तथा खूंटी सर्वाधिक प्रभावित हैं. लेकिन, कमोबेस पूरे राज्य में बारिश की स्थिति अच्छी नहीं हैं. पिछले वर्ष की तरह इस बार भी 11 जिलों में धनरोपनी शून्य है. दलहन और तिलहन की खेती में भी थोड़ी गिरावट हुई है.
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