नेशनल कंपनीज लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने लंदन स्थित कैलरॉक कैपिटल और यूएई स्थित व्यवसायी मुरारी लाल जालान के कंसोर्टियम की ओर से भेजी गई जेट एयरवेज समाधान योजना (resolution plan) को मंजूरी दे दी है. सूत्रों ने NDTV को यह जानकारी दी. Resolution plan के अंतर्गत NCLT ने डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) और एविएशन मिनिस्ट्री (उड्डयन मंत्रालय) को कर्जें से जूझ रही जेट एयरवेज को स्लॉट अलॉट करने के लिए 90 दिन का वक्त दिया है.सूत्रों के अनुसार, हालांकि जेट एयरवेज को उसके घरेलू और इंटरनेशनल रूट दिए जाने की समस्या अभी तक अनसुलझी है. कैलरॉक-जालान कंसोर्टियम ने अगले पांच वर्ष में बैंकों, वित्तीय संस्थाथाओं और कर्मचारियों को 1200 करोड़ रुपये के भुगतान का प्रस्ताव रखा है, इसकी 30 विमानों के साथ जेट एयरवेज की फुल सर्विस एयरलाइन के तौर पर स्थापित करने की योजना है.
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गौरतलब है एक समय 120 प्लेंस का बेड़ा रखने वाले और दर्जनों घरेलू व सिंगापुर, लंदन और दुबई जैसे स्थानों पर इंटरनेशनल फ्लाइट संचालित करने वाले जेट एयरवेज को अप्रैल 2019 में अपनी सभी उड़ानें बंद करने को मजबूर होना पड़ा था. प्रतिद्वंद्वी एयरलाइन कंपनियों की फ्लाइट्स की कम कीमत के कारण इसे भारी घाटा उठाना पड़ा था. विमानों का परिचालन रुकने के समय एयरलाइन को वित्तीय और परिचालन लेनदारों को 30 हजार करोड़ रुपये देने थे.जेट एयरवेज के ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने अक्टूबर, 2020 में ब्रिटेन स्थित कैलरॉक कैपिटल और यूएई स्थित उद्यमी मुरारी लाल जालान के गठजोड़ द्वारा प्रस्तुत समाधान योजना को मंजूरी दी थी. एनसीएलटी ने जून, 2019 में भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले ऋणदाताओं के समूह द्वारा जेट एयरवेज के खिलाफ दायर दिवाला याचिका को स्वीकार किया था.
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