एनडीए में शामिल जेडीयू ने मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल होने या न होने को लेकर अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं. जेडीयू कोटे से मंत्रियों की संख्या पर पेंच फंसता नजर आ रहा है. जेडीयू सूत्रों का कहना है कि राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह चर्चा के लिए दिल्ली आए हैं, शपथ लेने के लिए नहीं. जेडीयू के मुताबिक, 2019 में भी पार्टी ने यही कहा था. पार्टी का कहना है कि बीजेपी के 17 सांसद हैं जिसके हिसाब से उसके पांच मंत्री हैं. जबकि जेडीयू के 16 सांसद हैं, इसलिए चार मंत्री बनाए जाने चाहिए.
जेडीयू सूत्रों का कहना है कि हम अतिपिछड़ा, महादलित को प्रतिनिधित्व देना चाहते हैं. पार्टी सूत्रों का तर्क है कि बीजेपी के कोटे से सवर्ण समुदाय और एक यादव मंत्री हैं. पार्टी का कहना है कि बातचीत के बाद ही मंत्रिपरिषद में शामिल होने पर फैसला होगा. दरअसल, ऐसी खबरें हैं कि मोदी सरकार के मंत्रिपरिषद विस्तार में शामिल संभावित मंत्री मंगलवार शाम को ही बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा से मिलेंगे. इन सभी संभावित मंत्रियों को दिल्ली बुलाया गया है. उन्हें जे पी नड्डा और बी एल संतोष की ओर से फोन किया गया है.
यह भी कहा है कि जेडीयू सांसद आरसीपी सिंह और लल्लन सिंह को भी इस कार्यक्रम में बुलाया गया है. लेकिन जेडीयू मंत्रिपरिषद में शामिल होने को लेकर अभी खुलकर कुछ कहना नहीं चाह रही हैं. वर्ष 2019 में जब बिहार में जेडीयू ने राजद से नाता तोड़ने के बाद बिहार में बीजेपी के साथ सरकार बनाई थी तो भी केंद्रीय मंत्रिपरिषद में उसे जगह देने की चर्चा हुई थी. लेकिन मंत्रियों की संख्या को लेकर दोनों पार्टियों के बीच सहमति न बनने से मामला अटक गया था.
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