
स्कूलों में अगले माह होने जा रहे सीबीएसई के संस्कृत सप्ताह समारोहों का कड़ा विरोध करते हुए तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने कहा है कि बेहतर होगा यदि हर राज्य में उसकी भाषाई विरासत के आधार पर 'प्राचीन भाषा सप्ताह' आयोजित किया जाए।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा भेजे गए संदेश के अनुसार, समारोहों का आयोजन सीबीएसई, केंद्रीय विद्यालय संगठन और राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा सभी राज्यों में 7 अगस्त से 13 अगस्त के बीच किया जाएगा। इस संदेश में राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया है कि वे ऐसे आयोजन राज्य, जिला और अन्य स्तरों पर करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में जयललिता ने कहा, तमिलनाडु के पास समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है, जो प्राचीन तमिल भाषा पर आधारित है। राज्य में सामाजिक न्याय और भाषा का भी एक मजबूत आंदोलन रहा है। इसलिए तमिलनाडु में 'संस्कृत सप्ताह' का कोई आधिकारिक आयोजन बेहद अनुपयुक्त है।
जया ने कहा, हर राज्य में उसकी भाषाई विरासत के आधार पर एक प्राचीन भाषा सप्ताह आयोजित करना ज्यादा उपयुक्त रहता। उन्होंने मोदी से अनुरोध किया कि वे अधिकारियों को सलाह दें कि वे पत्र में उचित बदलाव करें, ताकि राज्य एवं सीबीएसई के स्कूल राज्य की भाषा और संस्कृति के अनुरूप समारोह आयोजित कर सकें।
जया ने कहा, यह, हमारे देश जैसे विविधतापूर्ण देश में सांस्कृतिक और भाषाई संवेदनाओं के अनुरूप होगा। तमिलनाडु में बीजेपी के सहयोगियों - एमडीएमके और पीएमके ने भी इस प्रस्ताव के खिलाफ आवाज उठाई थी।
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