शपथ ग्रहण करते पन्नीरसेल्वम
                                                                                                                        - पन्नीरसेल्वम इससे पहले भी दो बार मुख्यमंत्री पद संभाल चुके हैं
 - पन्नीरसेल्वम के अलावा 15 अन्य मंत्रियों को भी शपथ दिलाई गई
 - अन्नाद्रमुक के विधायकों की बैठक में पन्नीरसेल्वम को नया नेता चुना गया
 
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                                                                                चेन्नई: 
                                        जयललिता के अत्यंत विश्वस्त रहे मंत्री ओ पन्नीरसेल्वम को अन्नाद्रमुक ने पार्टी का नया नेता चुन लिया और देर रात राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने मुख्यमंत्री के रूप में उनको पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. उनके अलावा 15 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली. पन्नीरसेल्वम इससे पहले भी दो बार उस वक्त मुख्यमंत्री बने थे जब भ्रष्टाचार के मामलों के चलते जयललिता को पद से हटना पड़ा था.
इससे पहले चेन्नई में पार्टी मुख्यालय में अन्नाद्रमुक के विधायकों की बैठक हुई और वहां पन्नीरसेल्वम को नया नेता चुना गया. इसी बीच तमिलनाडु के स्पीकर पी धनपाल ने राज्य के गवर्नर सी विद्यासागर राव से मुलाकात की.
हालांकि इससे पहले सोमवार शाम को सूत्रों ने बताया था कि जयललिता पर इलाज का असर हो रहा है. लेकिन उसके कुछ देर बाद ही डॉक्टरों ने कहा कि उनकी स्थिति में कोई विशेष सुधार नहीं दिखाई दे रहा.
इससे पहले सोमवार शाम को एक स्थानीय टीवी चैनल ने जब उनकी मृत्यु की गलत सूचना चला दी तो अपोलो अस्पताल के बाहर उनके समर्थक उग्र हो गए और हिंसा पर उतारू हो गए. इसके चलते पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठियां भी भाजनी पड़ीं. अन्नाद्रमुक पार्टी मुख्यालय पर कुछ देर के लिए पार्टी झंडे को आधा झुका भी दिया गया था लेकिन बाद में उसे फिर सीधा किया गया.
                                                                        
                                    
                                इससे पहले चेन्नई में पार्टी मुख्यालय में अन्नाद्रमुक के विधायकों की बैठक हुई और वहां पन्नीरसेल्वम को नया नेता चुना गया. इसी बीच तमिलनाडु के स्पीकर पी धनपाल ने राज्य के गवर्नर सी विद्यासागर राव से मुलाकात की.
हालांकि इससे पहले सोमवार शाम को सूत्रों ने बताया था कि जयललिता पर इलाज का असर हो रहा है. लेकिन उसके कुछ देर बाद ही डॉक्टरों ने कहा कि उनकी स्थिति में कोई विशेष सुधार नहीं दिखाई दे रहा.
इससे पहले सोमवार शाम को एक स्थानीय टीवी चैनल ने जब उनकी मृत्यु की गलत सूचना चला दी तो अपोलो अस्पताल के बाहर उनके समर्थक उग्र हो गए और हिंसा पर उतारू हो गए. इसके चलते पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठियां भी भाजनी पड़ीं. अन्नाद्रमुक पार्टी मुख्यालय पर कुछ देर के लिए पार्टी झंडे को आधा झुका भी दिया गया था लेकिन बाद में उसे फिर सीधा किया गया.
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