अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जे. जयललिता के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति रखने के मामले में फैसला सुनाते हुए विशेष अदालत ने कहा कि अपने पूर्व दत्तक पुत्र सुधाकरण के भव्य विवाह में हुए सभी खर्च का भार पूर्व मुख्यमंत्री ने उठाया था और यह करीब तीन करोड़ रुपये था।
जयललिता के मुख्यमंत्री रहते हुए 1995 में सुधाकरण का विवाह हुआ था। इस विवाह को लेकर काफी विवाद हुआ था, दिखावे पर आलोचना हुई थी, प्रदर्शन हुए और अदालत में याचिकाएं दायर की गईं।
विशेष न्यायाधीश जॉन माइकल डी'कुन्हा ने कहा, 'साक्ष्यों द्वारा यह पुष्ट हो चुका है कि न्यौते की छपाई, अखबारों में धन्यवाद संदेश प्रकाशित कराने, मेहमानों को 'तांबूल (पान) और कीमती उपहार देने आदि में वास्तव में तीन करोड़ रुपये से ज्यादा राशि खर्च हुई।'
विवाह का सारा खर्च दुल्हन पक्ष की ओर से किया गया था, इस दावे को खारिज करते हुए न्यायाधीश ने कहा, 'उपरोक्त सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह पुष्टि हुई है कि आरोपी ए-1 (जयललिता) द्वारा ए-3 (सुधाकरण) के विवाह पर तीन करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई।'
न्यायाधीश ने कहा कि साक्ष्य बताते हैं कि सभी इंतजाम जयललिता की ओर से उनके कहने पर कराए गए थे और उनका भुगतान भी उन्होंने ही किया था।
अभियोजन पक्ष का कहना था कि विवाह पर छह करोड़ रुपये की राशि खर्च हुई थी। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि विवाह में वीआईपी मेहमानों को आमंत्रित किया गया था और उनके रहने का इंतजाम होटलों में किया गया था। इन सभी इंतजाम के लिए भुगतान जयललिता ने किया था।
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