फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
दिल्ली विधानसभा ने शुक्रवार को अन्ना हजारे के सुझावों को शामिल करते हुए जनलोकपाल विधेयक पारित किया। इसके तहत, लोकपाल को केन्द्र के सरकारी कर्मचारियों सहित अन्य सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की शक्ति दी गई है।
इस बीच, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजग सरकार को इसे कानून बनने देने में किसी तरह की अड़चन पैदा करने के खिलाफ चेताया।
केजरीवाल ने इसे जनलोकपाल आंदोलन के लिए ‘‘ऐतिहासिक क्षण’’ करार दिया और वर्ष 2011 के ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ आंदोलन के समय की बात करते हुए वरिष्ठ कार्यकर्ता हजारे को याद किया। सत्तर सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में इस विधेयक के समर्थन में 64 मत पड़े।
वर्ष 2014 में पेश विधेयक को हल्का किये जाने के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने सवाल किया कि क्या भाजपा या कांग्रेस शासित राज्य इस तरह का कोई कानून पारित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग कह रहे हैं कि यह कमजोर है। इसलिए भाजपा या कांग्रेस शासित राज्य कोशिश करें और कमजोर कानून ही पारित करें। अगर केन्द्र विधेयक को मंजूरी नहीं देता है तो हमें अपनी अंगुलियां टेढी करनी पड़ेंगी और भाजपा का कांग्रेस जैसा हाल होगा।’’
इस बीच, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजग सरकार को इसे कानून बनने देने में किसी तरह की अड़चन पैदा करने के खिलाफ चेताया।
केजरीवाल ने इसे जनलोकपाल आंदोलन के लिए ‘‘ऐतिहासिक क्षण’’ करार दिया और वर्ष 2011 के ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ आंदोलन के समय की बात करते हुए वरिष्ठ कार्यकर्ता हजारे को याद किया। सत्तर सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में इस विधेयक के समर्थन में 64 मत पड़े।
वर्ष 2014 में पेश विधेयक को हल्का किये जाने के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने सवाल किया कि क्या भाजपा या कांग्रेस शासित राज्य इस तरह का कोई कानून पारित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग कह रहे हैं कि यह कमजोर है। इसलिए भाजपा या कांग्रेस शासित राज्य कोशिश करें और कमजोर कानून ही पारित करें। अगर केन्द्र विधेयक को मंजूरी नहीं देता है तो हमें अपनी अंगुलियां टेढी करनी पड़ेंगी और भाजपा का कांग्रेस जैसा हाल होगा।’’
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