जम्मू में डॉक्टरों की लापरवाही ने सारी हदें पार कर दीं। सितंबर में जो महिला मां बनती उसे डॉक्टरों ने गर्भपात की दवा देकर उसके आठ महीने के बच्चे को गर्भ में ही मार डाला।
पुलिस ने इस मामले में एक डॉक्टर और एक पैरामेडिकल कर्मचारी को गिरफ्तार किया है।
जानकारी के अनुसार जम्मू में 26 साल की ऋतु शर्मा शहर के जाने−माने नर्सिंग होम जेके मेडिसिटी के एक डॉक्टर की लापरवाही का नतीजा भुगत रही हैं। आठ महीने की गर्भवती ऋतु शर्मा ग्लूकोज़ चढ़वाने के लिए अपने पति के साथ नर्सिंग होम गई थीं। सितंबर में उनकी डिलीवरी होनी थी।
डॉक्टर ने उनके पति राकेश को एक पर्ची देकर दवा लाने को कहा। दवा अस्पताल के स्टाफ को देने के बाद दवा की दुकान पर राकेश को जैसे ही पता चला कि गर्भपात की किट मंगाई गई है तो उनके होश उड़ गए। वह फौरन भागे−भागे अस्पताल लौटे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
दवा देने के बावजूद डॉक्टर राकेश को दिलासा देते रहे कि दवा वापस निकाल ली गई है और ख़तरे की कोई बात नहीं है। ये कहकर उन्होंने पति−पत्नी को घर भेज दिया। कुछ देर बाद ऋतु की तबीयत बिगड़ गई। उसे वापस अस्पताल लाया गया।
लेकिन तब तक उसके पेट में आठ महीने का गर्भ गिर चुका था,
जैसे तैसे डॉक्टर उसकी जान बचा पाए।
इस बीच अस्पताल की दलील है कि जिस समय ऋतु अस्पताल आई उसी समय किसी और महिला को गर्भपात के लिए अस्पताल आना था।
डॉक्टरों ने ऋतु को वही महिला समझ कर गर्भपात की दवा दे दी।
घटना की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर दो लोगों को गिरफ़्तार कर लिया है।
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