इंजीनियर राशिद के मुंह पर बीफ पार्टी रखने के मुद्दे पर स्याही फेंक दी गई
जम्मू कश्मीर के विधायक इंजीनियर राशिद पर सोमवार को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में स्याही फेंक दी गई। राशिद अपने द्वारा दी गई गोमांस की दावत के बारे में संवाददाता से बातचीत कर रहे थे जिसके बाद इस घटना को अंजाम दिया गया।
स्याही फेंके जाने के बाद राशिद ने कहा कि 'हिंदुस्तान कश्मीरियों के साथ क्या करता है, ये दुनिया को पता चलना चाहिए। ये मोदी का हिंदुस्तान है, गांधी का हिंदुस्तान नहीं है।' राशिद के सुर्खियों में आने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले गोमांस पर जारी विवाद के बीच बीफ की पार्टी रखने की वजह से लानगेट के इस निर्दलीय विधायक की विधानसभा में हाथापाई भी हो चुकी है।
'कश्मीरी पंडित माफी मांगे...'
इस साल अप्रैल में राशिद ने कश्मीरी पंडितों के बारे में कुछ ऐसा बयान दिया था जिसके बाद वह ट्विटर पर निशाना बन गए थे। राशिद ने कहा था 'अगर कश्मीरी पंडित खुद को असली कश्मीरी राष्ट्रवादी समझते तो कभी भी घाटी को इन बुरे हालातों में छोड़कर नहीं जाते।' राशिद के मुताबिक कश्मीरी पंडितों को बहुसंख्यक समुदाय से माफी मांगनी चाहिए कि वह इन सबको बंदूक और बुलेट के भरोसे छोड़कर घाटी से चले गए। राशिद के इस बयान से ट्विटर पर कई लोगों ने उन्हें 'कमअक्ल' करार दिया था।
जम्मू-कश्मीर के लालगेट क्षेत्र से इंजीनियर निर्दलीय विधायक हैं और घाटी की राजनीति में काफी सक्रिय रहते हैं। हिंदुवादी संगठनों के साथ उनकी खींचतान पहले भी होती आई है। इसी साल मार्च के महीने में विहिप के प्रवीण तोगड़िया ने जब कहा था कि अनुच्छेद 370 को जम्मू से जाना होगा तब राशिद ने यह कहकर ध्यान बटोरा था कि 'तोगड़िया दिन में सपने देखना बंद करे और कोई 370 को छूकर दिखाए।'
स्याही फेंके जाने के बाद राशिद ने कहा कि 'हिंदुस्तान कश्मीरियों के साथ क्या करता है, ये दुनिया को पता चलना चाहिए। ये मोदी का हिंदुस्तान है, गांधी का हिंदुस्तान नहीं है।' राशिद के सुर्खियों में आने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले गोमांस पर जारी विवाद के बीच बीफ की पार्टी रखने की वजह से लानगेट के इस निर्दलीय विधायक की विधानसभा में हाथापाई भी हो चुकी है।
'कश्मीरी पंडित माफी मांगे...'
इस साल अप्रैल में राशिद ने कश्मीरी पंडितों के बारे में कुछ ऐसा बयान दिया था जिसके बाद वह ट्विटर पर निशाना बन गए थे। राशिद ने कहा था 'अगर कश्मीरी पंडित खुद को असली कश्मीरी राष्ट्रवादी समझते तो कभी भी घाटी को इन बुरे हालातों में छोड़कर नहीं जाते।' राशिद के मुताबिक कश्मीरी पंडितों को बहुसंख्यक समुदाय से माफी मांगनी चाहिए कि वह इन सबको बंदूक और बुलेट के भरोसे छोड़कर घाटी से चले गए। राशिद के इस बयान से ट्विटर पर कई लोगों ने उन्हें 'कमअक्ल' करार दिया था।
जम्मू-कश्मीर के लालगेट क्षेत्र से इंजीनियर निर्दलीय विधायक हैं और घाटी की राजनीति में काफी सक्रिय रहते हैं। हिंदुवादी संगठनों के साथ उनकी खींचतान पहले भी होती आई है। इसी साल मार्च के महीने में विहिप के प्रवीण तोगड़िया ने जब कहा था कि अनुच्छेद 370 को जम्मू से जाना होगा तब राशिद ने यह कहकर ध्यान बटोरा था कि 'तोगड़िया दिन में सपने देखना बंद करे और कोई 370 को छूकर दिखाए।'
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