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This Article is From Nov 29, 2018

अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहा जांबाज, घाटी में पत्थरबाजों ने कर दिया था जख्मी

एनकाउंटर के बाद भीड़ ने सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी थी. इस पत्थरबाजी में सीआरपीएफ के जवान प्रणाम सिंह बुरी तरह से जख्मी हो गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.

अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहा जांबाज, घाटी में पत्थरबाजों ने कर दिया था जख्मी
अस्पताल में भर्ती सीआरपीएफ जवान.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
एनकाउंटर के बाद पत्थरबाजी में जख्मी हुआ जवान
एनकाउंटर में नवीद जट्ट को किया था ढेर
अभी कोमा में है सीआरपीएफ जवान
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के बड़गाम में बुधवार को हुई आतंकियों के साथ मुठभेड़ के बाद पत्थरबाजी में जख्मी हुआ सीआरपीएफ का एक जवान अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहा है. इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने लश्कर कमांडर नवीद जट्ट सहित तीन आतंकियों को ढेर कर दिया था. एनकाउंटर के बाद भीड़ ने सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी थी. इस पत्थरबाजी में सीआरपीएफ के जवान प्रणाम सिंह बुरी तरह से जख्मी हो गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. बुधवार रात श्रीनगर के सेना अस्पताल में प्रणाम सिंह के सिर का ऑपरेशन हुआ, लेकिन अभी वह कोमा में बताए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि उनकी स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है. प्रणाम सिंह के अलावा एक और जवान पत्थरबाजी में जख्मी हुआ था, लेकिन उनकी स्थिति अभी सामान्य बताई जा रही है.

बुधवार को सुरक्षाबलों ने बड़गाम में पत्रकार शुजात बुखारी के हत्यारे नवीद जट्ट को मार गिराया था. इसके साथ ही सुरक्षाबलों ने दो अन्य आतंकी को भी ढेर कर दिया था. नवीद जट्ट ने ही 'राइजिंग कश्मीर' अखबार के संपादक शुजात बुखारी की हत्या की थी. बुधवार सुबह पुलिस को सूचना मिली थी कि इलाके में दो-तीन आतंकी छुपे हुए हैं. इसके बाद सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान शुरू किया था. आतंकियों के जिन दो घरों में छुपे होने की आशंका थी, उन्हें सुरक्षाबलों ने उड़ा दिया. एनकाउंटर में सुरक्षाबलों के तीन जवान भी जख्मी हो गए हैं. 

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बता दें, श्रीनगर में वरिष्ठ पत्रकार एवं 'राइजिंग कश्मीर' के संपादक शुजात बुखारी और उनके पीएसओ की जून महीने में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हमलावरों ने शुजात बुखारी के कार्यालय के बाहर ही उनपर हमला कर दिया था. हमला उस समय हुआ जब वह अपने दफ्तर से इफ्तार पार्टी के लिए निकल रहे थे. शुजात बुखारी की हत्या पर काफी बवाल हुआ था. शुजात बुखारी को साल 2000 में उन पर हुए हमले के बाद सुरक्षा मुहैया करवाई गई थी. 

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