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This Article is From Nov 08, 2016

जम्मू-कश्मीर में सामान्य हो रहे हालात, लोगों की आवाजाही बढ़ी

जम्मू-कश्मीर में सामान्य हो रहे हालात, लोगों की आवाजाही बढ़ी
प्रतीकात्मक फोटो
श्रीनगर: श्रीनगर समेत कश्मीर के प्रमुख शहरों में लोगों की आवाजाही और यातायात में इजाफा हुआ है, जो घाटी में हालात सामान्य होने का संकेत है. दूसरी ओर अलगाववादियों ने घाटी में आज सभी पक्षकारों की बैठक बुलाई है ताकि यह तय किया जा सके कि भविष्य में किस तरह के कदम उठाए जाने हैं.

अधिकारियों ने बताया कि अलगाववादियों के आदेशों को तवज्जो नहीं देते हुए श्रीनगर समेत घाटी के अन्य शहरों में अधिकाधिक लोग बाहर निकले, बसों को छोड़कर अन्य सार्वजनिक वाहन भी अधिक संख्या में सड़कों पर उतरे.

व्यावसायिक इलाके लाल चौक समेत शहर के सिविल लाइन्स इलाके और अन्य बाहरी इलाकों में बड़ी संख्या में टैक्सी, ऑटोरिक्शा और निजी कारें सड़कों पर निकलीं.

कई जिला मुख्यालयों को जोड़ने वाले मार्गों पर जिलों के मध्य चलने वाली कैब भी चली. अधिकारियों ने बताया कि घाटी के अन्य शहरों में भी यातायात में इजाफा देखा गया है.

अधिकारियों ने बताया कि इन इलाकों में कुछ दुकानें भी खुलीं और बैंकों में ग्राहकों की भीड़ उमड़ पड़ी. उन्होंने बताया कि कश्मीर में कहीं भी लोगों की आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं है, हालांकि कानून व्यवस्था को कायम रखने और लोगों में सुरक्षा की भावना बनाए रखने के लिए कुछ संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है.

अलगाववादी समर्थित हड़ताल के कारण घाटी में अन्य स्थानों पर दुकानें, फ्यूल स्टेशन और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. अलगाववादियों ने शाम 4 बजे से हड़ताल में 15 घंटे की छूट दी है, जिसके चलते ये प्रतिष्ठान शाम तक खुल सकते हैं.

8 जुलाई को सुरक्षा बलों द्वारा मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी को मार गिराने के बाद से कश्मीर घाटी में तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं.

घाटी में जारी आंदोलन की अगुआई कर रहे अलगाववादियों ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी के आवास पर सभी पक्षकारों की बैठक बुलाई है. इसमें आगे की कार्रवाई पर चर्चा की जाएगी. जारी आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए सभी पक्षकारों को विश्वास में लेने की मांग उठी थी.

रविवार को जारी संयुक्त वक्तव्य में अलगाववादियों ने कहा है कि कारोबारियों, शिक्षाविदें, ट्रांसपोर्टर, नागरिक समाज के लोग, धार्मिक, सामाजिक तथा राजनीतिक संगठन, बार एसोसिएशन और दूसरे क्षेत्रों के लोगों को हैदरपुरा में भविष्य के कदम पर फैसला लेने के लिए आमंत्रित किया गया.

इससे पहले, इसी दिन हुर्रियत के दोनों धड़ों के प्रमुख गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक तथा जेकेएलएफ के प्रमुख यासीन मलिक ने गिलानी के आवास पर मुलाकात की थी, जिसके दौरान सभी पक्षकारों को आमंत्रित करने का फैसला लिया गया. घाटी में जारी अशांति में अब तक दो पुलिसकर्मियों समेत 85 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कई हजार लोग घायल हैं.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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