नेशनल कॉन्फ्रेंस ने शनिवार को उन खबरों का खंडन किया है, जिनमें कहा गया है कि केंद्र सरकार ने हिरासत में लिए गए नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से कोई बात की है. पार्टी ने इन खबरों को पूर्णत: निराधार बताया है. हालांकि खबरों में उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि जांच एजेंसियों के कुछ अधिकारियों ने अब्दुल्ला तथा पीडीपी की नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से संपर्क किया है.
केंद्र द्वारा पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जा वाली धारा 370 को खत्म करने के बाद से ही दोनों नेता फिलहाल हिरासत में हैं. खबरों में कहा गया था कि सरकार के इन नेताओं से संपर्क करने से कश्मीर घाटी में राजनीतिक वार्ता के फिर से खुलने की संभावना है. घाटी में करीब तीन हफ्तों से पाबंदियां लगी हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक नेता ने यहां कहा, ‘‘ऐसी कयासों वाली खबरों का पूरी तरह कोई आधार नहीं है.''
फिलहाल दोनों की रिहाई को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है. हाल ही यह भी कहा गया था कि हिरासत में लिए गए नेताओं की रिहाई के बारे में कोई भी फैसला स्थानीय प्रशासन की राय और वहां के हालात पर निर्भर करेगा. एक अधिकारी ने संकेत दिए थे कि इस मामले में किसी भी तरह की जल्दबाजी नहीं की जा रही है. बता दें उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को श्रीनगर में अलग-अलग गेस्ट हाउस में हिरासत में रखा गया है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला अपने घर में नजरबंद हैं. (इनपुट-भाषा)
वीडियो: धारा 370 हटने के बाद महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला गिरफ्तार
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