जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को लगभग आठ महीने बाद मंगलवार को हिरासत से रिहा कर दिया गया. जनसुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत लगाए गए आरोप हटाए जाने के बाद उनकी रिहाई का आदेश जारी किया गया. गत 10 मार्च को 50 साल के हुए अब्दुल्ला ने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद, 232 दिन हिरासत में गुजारे. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता को पूर्व में एहतियातन हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में पांच फरवरी को उन पर पीएसए लगा दिया गया था.
इसी महीने उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से पूछा था कि अगले सप्ताह तक बताएं कि उमर अब्दुल्ला को रिहा किया जा रहा है या नहीं? साथ ही कोर्ट ने कहा था कि अगर आप उमर अब्दुल्ला को रिहा कर रहे हैं तो उन्हें जल्द रिहा कीजिए या फिर हम हिरासत के खिलाफ उनकी बहन की याचिका पर सुनवाई करेंगे. गौरतलब है कि उमर अब्दुल्ला के साथ ही पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी हिरासत में हैं.
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद फारुक अब्दुल्ला के साथ ही सैंकड़ों नेताओं को हिरासत में लिया गया था. उमर अब्दुल्ला के पिता फारुक अब्दुल्ला को 13 मार्च को रिहा किया गया है. उमर अब्दुल्ला को बिना किसी आरोप के हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में सरकार ने उन पर पीएसए लगा दिया. इनके साथ ही फारुक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ भी पीएसए लगाया गया था.
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