विधानसभा में विरोध करते निर्दलीय विधायक इंजीनियर राशिद
श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र की शनिवार को विरोध-प्रदर्शन से शुरुआत हुई। निर्दलीय विधायक इंजीनियर राशिद ने राज्य में बीफ़ बैन के विरोध में आवाज़ उठाई। वे बैनर लेकर वेल में पहुंच गए। उन्होंने कहा कि सरकार धार्मिक मामलों में दखल बंद करे। इंजीनियर राशिद राज्य में बीफ़ बैन के विरोध में बिल भी लाए। राशिद ने राज्य में भाजपा और पीडीपी की गठबंधन सरकार पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के एजेंडा को आगे बढ़ाने का आरोप लगाते हुए खूब हंगामा किया। इसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई।
विधायक राशिद ने सदन में मौजूद मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद से गोमांस प्रतिबंध के मुद्दे पर अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट करने को कहा। उन्होंने कहा, "राज्य में मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए आप (सत्तारूढ़ पीडीपी-भाजपा गठबंधन) आरएसएस के एजेंडे को आगे ले जा रहे हैं। यह सफल नहीं होगा।"
राशिद ने विधानसभा में एक बैनर भी दर्शाया, जिसमें लिखा था, "धार्मिक मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं।" विधानसभा अध्यक्ष कविंदर गुप्ता जब पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, पूर्व मंत्री गुलाम रसूल कार और मीर गुलाम मोहम्मद को श्रद्धांजलि दे रहे थे, तब राशिद ने कहा, "कृपया जीवित लोगों के बारे में बोलिए, न कि मृत लोगों के बारे में।"
विधानसभा में हंगामे के दौरान राशिद ने अध्यक्ष की आसंदी की ओर बढ़ने की कोशिश भी की, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। राशिद इसके बाद यह कहते हुए सदन से बाहर चले गए कि अध्यक्ष ने उन्हें अपनी बात रखने की अनुमति नहीं दी। निर्दलीय विधायक 1862 के उस कानून को रद्द करने के लिए पहले ही विधानसभा में एक विधेयक पेश कर चुके हैं, जो गोहत्या, गोमांस की बिक्री और इसे रखने पर प्रतिबंध लगाता है।
मुख्यमंत्री सईद और विपक्ष के नेता उमर अबदुल्ला ने सदन में पूर्व राष्ट्रपति कलाम और अन्य को श्रद्धांजलि दी। विधानसभा में उनके सम्मान में दो मिनट का मौन भी रखा गया। इसके पश्चात विधानसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
विधायक राशिद ने सदन में मौजूद मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद से गोमांस प्रतिबंध के मुद्दे पर अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट करने को कहा। उन्होंने कहा, "राज्य में मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए आप (सत्तारूढ़ पीडीपी-भाजपा गठबंधन) आरएसएस के एजेंडे को आगे ले जा रहे हैं। यह सफल नहीं होगा।"
राशिद ने विधानसभा में एक बैनर भी दर्शाया, जिसमें लिखा था, "धार्मिक मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं।" विधानसभा अध्यक्ष कविंदर गुप्ता जब पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, पूर्व मंत्री गुलाम रसूल कार और मीर गुलाम मोहम्मद को श्रद्धांजलि दे रहे थे, तब राशिद ने कहा, "कृपया जीवित लोगों के बारे में बोलिए, न कि मृत लोगों के बारे में।"
विधानसभा में हंगामे के दौरान राशिद ने अध्यक्ष की आसंदी की ओर बढ़ने की कोशिश भी की, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। राशिद इसके बाद यह कहते हुए सदन से बाहर चले गए कि अध्यक्ष ने उन्हें अपनी बात रखने की अनुमति नहीं दी। निर्दलीय विधायक 1862 के उस कानून को रद्द करने के लिए पहले ही विधानसभा में एक विधेयक पेश कर चुके हैं, जो गोहत्या, गोमांस की बिक्री और इसे रखने पर प्रतिबंध लगाता है।
मुख्यमंत्री सईद और विपक्ष के नेता उमर अबदुल्ला ने सदन में पूर्व राष्ट्रपति कलाम और अन्य को श्रद्धांजलि दी। विधानसभा में उनके सम्मान में दो मिनट का मौन भी रखा गया। इसके पश्चात विधानसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
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