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This Article is From Jul 31, 2020

जम्मू कश्मीर: पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत 3 महीने और बढ़ी महबूबा मुफ्ती की हिरासत

पब्लिक सेफ्टी एक्ट या पीएसए के तहत किसी व्यक्ति को बिना किसी मुकदमे के कई बार हिरासत में रखा जा सकता है. एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) ने पीएसए को "कानूनविहीन कानून (lawless law) कहा है.

जम्मू कश्मीर: पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत 3 महीने और बढ़ी महबूबा मुफ्ती की हिरासत
महबूबा मुफ्ती को पहली बार पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत 6 महीने पहले आरोपित किया गया था, और यह तीसरी बार है जब उन पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है. (फाइल फोटो)

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की हिरासत अब तीन महीने और बढ़ा दी गई है. महबूबा को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत पिछले साल 5 अगस्त से नजरबंद किया हुआ है और इस हिरासत को तीन महीने और बढ़ा दिया गया है, केंद्र का यह निर्णय उस दिन आया है जब पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सजाद लोन को एक साल से पांच दिन पहले ही नजरबंदी से रिहा कर दिया गया है. लोन को पिछले साल जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंटाने के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान लोन को नजरबंद किया गया था. 

महबूबा मुफ्ती को पहली बार पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत 6 महीने पहले आरोपित किया गया था, और यह तीसरी बार है जब उन पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है, मौजूदा चरण में उसके खिलाफ आरोप 5 अगस्त को समाप्त हो रहे है.

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पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनके पिता फारूक अब्दुल्ला, जो पिछले साल अगस्त से नजरबंद थे, पहले ही रिहा हो चुके हैं. मुफ्ती को उनके घर पर हिरासत में लिया गया है, जिसे सरकार द्वारा "सहायक जेल" घोषित किया गया है. इस तीन महीने के विस्तार के साथ, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रमुख एक साल से अधिक हिरासत में बिताएंगीं.

पब्लिक सेफ्टी एक्ट या पीएसए के तहत किसी व्यक्ति को बिना किसी मुकदमे के कई बार हिरासत में रखा जा सकता है. एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) ने पीएसए को "कानूनविहीन कानून (lawless law) कहा है.

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60 वर्षीय, मुफ्ती को उमर अब्दुल्ला, फारूक अब्दुल्ला और सैकड़ों राजनेताओं के साथ हिरासत में लिया गया था, जब केंद्र सरकार ने राज्य का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था और पिछले साल 5 अगस्त को इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था. केंद्र ने इस कदम के खिलाफ संभावित प्रतिक्रिया के लिए इस कानून को एक निवारक उपाय कहा था.

उमर अब्दुल्ला, जिन्हें मार्च के अंतिम सप्ताह में नजरबंदी से रिहा किया गया था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोनोवायरस लॉकडाउन की घोषणा करने के कुछ ही घंटे पहले, मुफ्ती की हिरासत बढ़ाए जाने को "अविश्वसनीय रूप से क्रूर और प्रतिगामी" कहा था.

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पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सजाद लोन जिन्हें आज रिहा किया गया लोन ने ट्विटर पर लिखा, 'आखिरकार एक साल पूरे होने से पांच दिन के पहले मुझे बताया गया है कि मैं आज़ाद हूं. कितना कुछ बदल गया है, मैं भी बदला हूं. जेल का यह नया अनुभव नहीं था, लेकिन पहले वाले शारीरिक प्रताड़ना वाले थे, लेकिन ये वाला मानसिक तौर पर थका देने वाला था. उम्मीद कर रहा हूं जल्दी बहुत कुछ साझा करूंगा.'

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