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This Article is From Mar 03, 2019

जैश प्रमुख मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने का विरोध नहीं करेगा पाकिस्तान? 

सूत्रों का कहना है कि हालांकि पाकिस्तान सरकार ऐसा करते समय भारत के दबाव में नहीं दिखना चाहती है. यही वजह है कि पाकिस्तान अभी मसूद अजहर को जेल में डालने जैसी कार्रवाई के पक्ष में नहीं दिख रहा है.

जैश प्रमुख मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने का विरोध नहीं करेगा पाकिस्तान? 
मसूद अजहर को लेकर पाकिस्तान की तैयारी
नई दिल्ली:

भारत द्वारा जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ पाकिस्तान सरकार से कार्रवाई की मांग का असर होता दिख रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तान सरकार मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना रही है. सूत्रों का कहना है कि हालांकि पाकिस्तान सरकार ऐसा करते समय भारत के दबाव में नहीं दिखना चाहती है. यही वजह है कि पाकिस्तान अभी मसूद अजहर को जेल में डालने जैसी कार्रवाई के पक्ष में नहीं दिख रहा है. खबर है कि पाकिस्तान सरकार इस बात पर भी विचार कर रही है कि यूएनएससी द्वारा मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकियों के लिस्ट में शामिल करने का वह विरोध न करे. अगर पाकिस्तान सरकार ऐसा करती है तो फिर चीन की तरफ से भी मसूद के विरोध में वीटो पावर के इस्तेमाल करने का आधार खत्म हो जाएगा. बता दें कि मसूद अजहर को लेकर यूएस, यूके और फ्रांस ने नया प्रस्ताव पेश किया है. इस प्रस्ताव को लेकर चीन के पास 13 मार्च तक वीटो का इस्तेमाल करने का मौका है.

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सूत्रों के अनुसार मदूस अजहर को लेकर इमरान खान सरकार बीते कुछ दिनों से इस मंथन में लगी है कि आखिर ऐसे ‘इंडिविजुअल्स' का साथ देकर क्या पाकिस्तान को क्या मिल रहा है. इमरान खान के इस सोच के पीछे वहां की आर्मी भी खड़ी दिखती है या कुछ यूं कहें कि इमरान खान को वहां की आर्मी का पूरा साथ मिल रहा है कि तो इसमें कोई अतिशयोक्ति  नहीं होगी. आर्मी के सपोर्ट की वजह से ही भारत के विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई के बाद इमरान खान को पाकिस्तान में कोई विरोध नहीं झेलना पड़ा. ऐसा माना जा रहा है कि अगर यही फैसला नवाज शरीफ सरकार लेती तो पाकिस्तान में 'मोदी का यार पाकिस्तान का गद्दार जैसे नारे लगाए जाते.'

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विंग कमांडर को छोड़ने के इमरान खान सरकार के फैसले का पाकिस्तान में किसी भी राजनीतिक पार्टी ने विरोध नहीं किया, यहां तक की इसे लेकर कोई बड़ा विरोध प्रदर्शन भी नहीं हुआ. सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान की सरकार राष्ट्रीय हित में कुछ कड़े फैसले लेने की तैयारी में है. इसकी एक वजह यह है कि पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक मोर्चे पर कड़ी चुनौतियां झेल रहा है.

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आतंकवाद को लेकर कड़ा रुख दिखाए और इसपर काबू पाए बिना वो फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स के ग्रे लिस्ट से नहीं निकल सकता है. उसपर ब्लैक लिस्ट होने का खतरा अलग है, जो और आर्थिक चुनौती पेश करेगा. इसलिए इमरान सरकार जैसों के खिलाफ धीरे-धीरे कदम उठाने की तैयारी में हैं. 

VIDEO: क्या मसूद अजहर पर कार्रवाई होगी? 

 

 

 

 

 

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