इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) के आदेश के घंटों बाद उत्तर प्रदेश के डॉक्टर डॉक्टर कफील खान (Dr. Kafeel Khan) जिन्हें CAA के खिलाफ प्रदर्शन में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत (NSA) जेल में डाला गया था, उन्हें बुधवार आधी रात को रिहा कर दिया गया. मंगलवार को कोर्ट ने उनपर NSA लगाकर जेल में डालने और फिर उनकी हिरासत की अवधि बढ़ाए जाने को गैरकानूनी बताया था और उन्हें तुरंत रिहा करने के आदेश जारी किए थे.
हालांकि, कोर्ट के आदेश के बाद भी जब जेल प्रशासन ने उन्हें रिहा नहीं किया तो उनके परिवार ने कहा कि वो इलाहाबाद कोर्ट में जेल के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की याचिका दाखिल करेंगे. परिवार को कफील को फिर से किसी और इल्जाम में फंसाने की साजिश का डर है.
उनकी मां नुज़हत परवीन ने रिहाई पर खुशी जताते हुए कहा कि आखिरकार वो अपने बेटे को सामने देख पाएंगी, महसूस कर पाएंगी. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, उन्होंने कहा, 'मेरा बेटा एक अच्छा व्यक्ति है. वो देश और समाज के खिलाफ कभी नहीं बोलेगा. आज मेरी बहु का जन्मदिन भी है. हम साथ में केक लेकर जा रहे हैं क्योंकि वो मथुरा में ही है.'
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कफील के वकील ने बताया कि मथुरा जेल प्रशासन ने रात करीब 11 बजे उन्हें यह सूचना दी कि डॉक्टर कफील को रिहा किया जा रहा है. उसके बाद रात करीब 12 बजे उन्हें रिहा कर दिया गया. उनके वकील ने कोर्ट में बताया कि 'उनके खिलाफ लगाए गए आरोप CD में अपलोड किए गए थे. लेकिन जेल में उन्हें ऐसी कोई सुविधा नहीं दी गई, जिससे कि वो सीडी देखी जा सके. न ही उन्हें चार्ज की कोई स्क्रिप्ट दी गई. ऐसे में कफील खान को इसका पता ही नहीं चला कि उनके खिलाफ बुनियादी आरोप क्या हैं.'
जेल से रिहाई के बाद कफील ने अदालत का शुक्रिया अदा किया. साथ ही कहा कि वह उन तमाम शुभचिंतकों के भी हमेशा आभारी रहेंगे जिन्होंने उनकी रिहाई के लिए आवाज उठाई. उन्होंने कहा कि प्रशासन उन्हें अब भी रिहा करने को तैयार नहीं था लेकिन लोगों की दुआ की वजह से वह रिहा हुए हैं, मगर आशंका है कि सरकार उन्हें फिर किसी मामले में फंसा सकती है. कफील ने कहा कि वह अब बिहार और असम के बाढ़ ग्रस्त इलाकों में जाकर पीड़ित लोगों की मदद करना चाहेंगे.
बताते चलें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की पीठ ने कफील को तत्काल रिहा करने के आदेश दिए थे. लेकिन काफी देर तक उन्हें रिहा नहीं किया गया था. कफील संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले साल अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत करीब साढ़े सात महीने से मथुरा जेल में बंद थे. उन्हें 29 जनवरी को गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया था.
हाईकोर्ट ने मंगलवार को आदेश सुनाते हुए कहा कि NSA के तहत डॉक्टर कफील को हिरासत में लेना और हिरासत की अवधि को बढ़ाना गैरकानूनी है. कफील खान को तुरंत रिहा किया जाए. बता दें कि डॉक्टर कफील पिछले 6 महीनों से जेल में बंद थे. हाल ही में उनकी हिरासत को 3 महीने के लिए बढ़ाया गया था. डॉक्टर कफील ने जेल से पीएम मोदी को चिट्ठी लिख रिहा करने और कोविड-19 मरीजों की सेवा करने की मांग की थी, उन्होंने सरकार के लिए एक रोडमैप भी भेजा था.
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