आईटीबीपी भारत-चीन की सीमा पर 54 चौकियां स्थापित करेगी

आईटीबीपी भारत-चीन की सीमा पर 54 चौकियां स्थापित करेगी

मुख्यमंत्री पेमा खांडू (फाइल फोटो)

खास बातें

  • मैकमोहन रेखा के साथ 54 सीमा चौकियां स्थापित करने का प्रस्ताव
  • आईटीबीपी के महानिरीक्षक मनोज सिंह रावत अरुणाचल के मुख्यमंत्री से मिले
  • होलोंगी में आईटीबीपी के एक बटालियन की स्थाई तैनाती का प्रस्ताव
नई दिल्ली:

भारत-चीन सीमा पर और अरुणाचल प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत करने के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने मैकमोहन रेखा के साथ 54 सीमा चौकियां स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है.

सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने पर चर्चा
आईटीबीपी के महानिरीक्षक और उत्तर पूर्व सीमांत मुख्यालय के प्रभारी मनोज सिंह रावत ने रविवार को अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू से मुलाकात की और राज्य में तथा सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने हेतु अपने प्रतिष्ठान के विस्तार लिए आईटीबीपी के प्रस्तावों पर चर्चा की.

अरुणाचल प्रदेश में स्थापित होंगी आईटीबीपी की शाखाएं
पर्वतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश की राजधानी के होलोंगी इलाके में आईटीबीपी के एक बटालियन को स्थाई तौर पर तैनात करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई. प्रस्ताव में कमांड नियंत्रण को प्रभावी बनाने के लिए काफी दूर मेघालय की राजधानी शिलांग और असम के तेजपुर में संचालन केंद्र बनाने की जगह अरुणाचल की राजधानी में कमांड का संचालन केंद्र बनाना जरूरी समझा गया है. आईटीबीपी ने राज्य के लीकाबाली, पासीघाट और अलाओ जैसे शहरों में अपनी शाखाएं स्थापित करने की योजना के बारे में भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया.

सरकारी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए भी बल तैनात होगा
आईटीबीपी के अधिकारी ने घोषणा की कि सीमाओं की रखवाली के अलावा सभी आवश्यक सरकारी प्रतिष्ठानों, कार्यालयों और संस्थानों की भी रखवाली के लिए अर्ध सैनिक बल तैनात किए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने राज्य में अर्धसैनिक बल के प्रतिष्ठान के विस्तार में हर संभव सहयोग देने पर सहमति जताई. खांडू ने राज्य में शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने और प्राकृतिक आपदाओं के समय मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए आईटीबीपी की भूमिका की सराहना की. चीन के साथ अरुणाचल प्रदेश की 1030 किलोमीटर खुली सीमा है. ब्रिटिश भारत द्वारा नक्शे पर खींची गई मैकमोहन नामक मोटी रेखा जमीन पर काल्पनिक मानी जाती है और अब वास्तविक नियंत्रण रेखा ही भारत और चीन को बांटती है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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