
सरसंघचालक मोहन भागवत के विजयदशमी संबोधन की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सामाजिक सुधार से जुड़े जो मुद्दे उन्होंने उठाए हैं, वे आज अत्यंत प्रासंगिक हैं।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, मोहन भागवतजी ने अपने भाषण में महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर बात की। उनकी ओर से उठाए गए सामाजिक सुधार के मुद्दे आज अत्यंत प्रासंगिक हैं। मोदी ने भागवत के संबोधन के सारांश का ऑनलाइन लिंक भी जारी किया। उन्होंने संघ की स्थापना दिवस पर आरएसएस कार्यकर्ताओं को बधाई दी।
राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन पर अपने संबोधन में भागवत ने गौवध एवं मांस के निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने पर जोर देते हुए लोगों से चीन के उत्पाद खरीदना बंद करने की अपील की।
आतंकवाद का जिक्र करते हुए भागवत ने कहा कि केरल और तमिलनाडु में जिहादी गतिविधियां बढ़ रही हैं। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल, असम और बिहार में बांग्लादेश से अवैध रूप से आने वाले लोगों के कारण हिन्दू समाज का जीवन प्रभावित हो रहा है।
सरसंघचालक ने भागवत ने चार महीने की अल्पावधि में राष्ट्रीय सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय संबंधों से जुड़े विषयों पर की गई पहलों के लिए मोदी सरकार की प्रशंसा की।
आरएसएस के 89वें स्थापना दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं जिससे लोगों में यह उम्मीद जगी है कि अंतराष्ट्रीय मंच पर भारत मजबूत बनकर उभर रहा है।
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