इसरो ने कार्टोसैट-2 उपग्रह ने भेजी ये शानदार तस्वीर
चेन्नई:
इसरो ने कार्टोसैट-2 सीरिज के अपने उस उपग्रह द्वारा ली गई पहली तस्वीर जारी की जिसे हाल में यहां से 110 किलोमीटर दूर अंतरिक्ष एजेंसी के श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से प्रक्षेपित किया गया था. तस्वीर इंदौर का एक हिस्सा दिखाती है जिसके बीच में होलकर क्रिकेट स्टेडियम है.
ISRO का 100वां सैटेलाइट लॉन्च, भारत को अब डिफेंस और कृषि क्षेत्र की मिलेगी तत्काल जानकारी, जानें 10 बातें
इस तस्वीर को बेंगलुरू मुख्यालय वाले इसरो की वेबसाइट पर जारी किया गया. उपग्रह को अंतरिक्ष यान पीएसएलवी-सी40 राकेट से गत 12 जनवरी को प्रक्षेपित करने के बाद सफलतापूर्वक उसकी कक्षा में स्थापित किया गया था.
ISRO कभी रॉकेट ढोने के लिए करता था बैलगाड़ी का इस्तेमाल, अब बनाया इतिहास
आपको बता दें कि 12 जनवरी को इसरो ने अपने अंतरिक्ष केंद्र से दूर संवेदी काटरेसैट और 30 अन्य उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया. इसरो के निवर्तमान चेयरमैन ए.एस. किरण कुमार ने चेन्नई से लगभग 80 किलोमीटर दूर पूर्वोत्तर में मिशन नियंत्रण केंद्र में बताया, "ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी40) ने भारत के 710 किलोग्राम वजनी काटरेसैट और 10 किलोग्राम नैनो उपग्रह और 100 किलोग्राम वजनी माइक्रो उपग्रह सहित 28 विदेशी उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया."
अंतरिक्ष में भारत की 'आंख' बनेगी कार्टोसैट-2 सैटेलाइट, पीएम मोदी ने कहा-वैज्ञानिकों को तहे दिल से बधाई
श्रीहरिकोटा हाई आल्टीट्यूड रेंज (एसडीएससी-एसएचएआर) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण के लगभग 17 मिनट और 33 सेकंड के बाद 320 टन वजनी रॉकेट ने काटरेसैट-2 को सूर्य की तुल्यकालिक कक्षा में स्थापित किया. काटरेसैट-2 ने सूर्य की 505 किलोमीटर कक्षा में प्रवेश किया और यह पांच वर्षो की अवधि तक यहां रहेगा.
100 किलोग्राम वजनी माइक्रो उपग्रह ने पृथ्वी से 359 किलोमीटर की ऊंचाई पर सूर्य की तुल्यकालीक कक्षा में प्रवेश किया. यह 2018 का पहला अंतरिक्ष मिशन है. इससे पहले 31 अगस्त, 2017 को पीएसएलवी-सी39 मिशन असफल हो गया था.
VIDEO: इसरो ने लगाया शतक, 31 सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे
कुमार ने कहा, "हमने यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े प्रबंध किए थे कि पिछले मिशन (पीएसएलवी-39) की असफलता का कारण बनी हीट शील्ड संबंधी समस्या फिर सामने न आए." इसरो ने कुल 31 उपग्रह प्रक्षेपित किए हैं, जिनमें से काटरेसैट-2, नैनो उपग्रह और माइक्रो उपग्रह भारत के हैं.
ISRO का 100वां सैटेलाइट लॉन्च, भारत को अब डिफेंस और कृषि क्षेत्र की मिलेगी तत्काल जानकारी, जानें 10 बातें
इस तस्वीर को बेंगलुरू मुख्यालय वाले इसरो की वेबसाइट पर जारी किया गया. उपग्रह को अंतरिक्ष यान पीएसएलवी-सी40 राकेट से गत 12 जनवरी को प्रक्षेपित करने के बाद सफलतापूर्वक उसकी कक्षा में स्थापित किया गया था.
ISRO कभी रॉकेट ढोने के लिए करता था बैलगाड़ी का इस्तेमाल, अब बनाया इतिहास
आपको बता दें कि 12 जनवरी को इसरो ने अपने अंतरिक्ष केंद्र से दूर संवेदी काटरेसैट और 30 अन्य उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया. इसरो के निवर्तमान चेयरमैन ए.एस. किरण कुमार ने चेन्नई से लगभग 80 किलोमीटर दूर पूर्वोत्तर में मिशन नियंत्रण केंद्र में बताया, "ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी40) ने भारत के 710 किलोग्राम वजनी काटरेसैट और 10 किलोग्राम नैनो उपग्रह और 100 किलोग्राम वजनी माइक्रो उपग्रह सहित 28 विदेशी उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया."
अंतरिक्ष में भारत की 'आंख' बनेगी कार्टोसैट-2 सैटेलाइट, पीएम मोदी ने कहा-वैज्ञानिकों को तहे दिल से बधाई
श्रीहरिकोटा हाई आल्टीट्यूड रेंज (एसडीएससी-एसएचएआर) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण के लगभग 17 मिनट और 33 सेकंड के बाद 320 टन वजनी रॉकेट ने काटरेसैट-2 को सूर्य की तुल्यकालिक कक्षा में स्थापित किया. काटरेसैट-2 ने सूर्य की 505 किलोमीटर कक्षा में प्रवेश किया और यह पांच वर्षो की अवधि तक यहां रहेगा.
100 किलोग्राम वजनी माइक्रो उपग्रह ने पृथ्वी से 359 किलोमीटर की ऊंचाई पर सूर्य की तुल्यकालीक कक्षा में प्रवेश किया. यह 2018 का पहला अंतरिक्ष मिशन है. इससे पहले 31 अगस्त, 2017 को पीएसएलवी-सी39 मिशन असफल हो गया था.
VIDEO: इसरो ने लगाया शतक, 31 सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे
कुमार ने कहा, "हमने यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े प्रबंध किए थे कि पिछले मिशन (पीएसएलवी-39) की असफलता का कारण बनी हीट शील्ड संबंधी समस्या फिर सामने न आए." इसरो ने कुल 31 उपग्रह प्रक्षेपित किए हैं, जिनमें से काटरेसैट-2, नैनो उपग्रह और माइक्रो उपग्रह भारत के हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं