आईएसआईएस में भारतीयों की भर्ती पर हड़कंप, केंद्रीय गृह मंत्रालय चिंतित

आईएसआईएस में भारतीयों की भर्ती पर हड़कंप, केंद्रीय गृह मंत्रालय चिंतित

नई दिल्ली:

इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) में हो रही भारतीयों की भर्ती को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्रालय में हड़कम्प मचा हुआ है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सबसे ज्यादा भर्तियां दक्षिण भारत के तेलंगाना और बेंगलुरु से हो रही हैं।

एक सीनियर अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि "तेलंगाना में करीब 17 नौजवानों को हमारी एजेंसियां रोक पाईं हैं। इन लोगों ने पासपोर्ट तक बनवा लिए थे।" गृह मंत्रालय के मुताबिक अब तक 13 भारतीयों ने आईएसआईएस ज्वाइन कर लिया है। इनमें से छह मारे जा चुके हैं और सात जिंदा हैं। जो जिंदा हैं, उनमें से दो मुंबई के कल्याण इलाके के हैं। अधिकारी का कहना था कि "कल्याण का एक लड़का बहुत हार्ड कोर है। वह सच में लड़ाई लड़ रहा है।" रॉ की जानकारी के मुताबिक इस नौजवान को हथियार भी  दिए गए हैं।

सबसे बड़ी चिंता उन भारतीयों को लेकर है, जो विदेश में हैं और प्रभावित हो रहे हैं। गृह मंत्रालय के अधिकारी का कहना है  कि "घाटी यानी जम्मू-कश्मीर का एक लड़का ऑस्ट्रेलिया में था वह भी आईएसआईएस से जुड़ चुका है।"  रॉ के मुताबिक ओमान में भारतीयों की आबादी को लेकर भारत सरकार काफी चिंता में है। हाल में एक लड़का आईएसआईएस से जुड़ा, जो ओमान में रहता था। सात भारतीयों में से एक वह भी है।

गृह मंत्रालय के मुताबिक तेलंगाना ने इस मुद्दे पर बहुत काम किया है। हाल में हुई बैठक में उनके काम को सराहा भी गया था. दरअसल तेलंगाना काउंसलिंग के जरिये कई  नौजवानों को रोक सका है. अब यही मॉडल गृह मंत्रालय ने बाकी राज्यों को अपनाने को कहा है।

उधर, जम्मू-कश्मीर ने गृह मंत्रालय को बताया है कि वैसे तो हर जुम्मे को आईएसआईएस के झंडे घाटी में दिखाई पड़ते हैं, लेकिन यह चिंताजनक बात नहीं है। एक अफसर ने बताया कि  "आईएसआईएस के झंडे के बीच में कलमा लिखा हुआ है। वहां नौजवान चाहते हैं कि सुरक्षा बल झंडा खींचें, उस पर तनातानी हो और घाटी में कानून व्यवस्था खराब हो।"

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हालाँकि सभी राज्यों से रिपोर्ट्स इस मसले पर आ रही हैं लेकिन उत्तर प्रदेश आईएसआईएस से जुड़ी जानकारी साझा नहीं कर रहा है जो कि मंत्रालय के लिए चिंता की बात है।