क्या यह सीरिया या पाकिस्तान है? हैदराबाद में गिरफ्तार छात्रों के पेरेंट्स ने किया सवाल

क्या यह सीरिया या पाकिस्तान है? हैदराबाद में गिरफ्तार छात्रों के पेरेंट्स ने किया सवाल

छात्रों को नियंत्रित करने का प्रयास करती हुई पुलिस। (फाइल फोटो)

हैदराबाद:

केरल की 42 साल की एक मां के मुताबिक, उसे सोशल मीडिया के जरिये यह जानकारी मिली कि इस सप्ताह के प्रारंभ में उसके बेटे सहित 33 और छात्रों को हैदराबाद की उनकी यूनिवर्सिटी से गिरफ्तार कर लिया गया है।

यह महिला  सरकारी कर्मचारी है और अपना नाम उजागर नहीं करना चाहती। रुंधे गले से इस महिला ने बताया कि अभी तक उसके 19 वर्षीय बेटे के बारे में पुलिस या यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है। इस महिला ने NDTV से कहा, 'हमें इस बारे में आधिकारिक तौर पर जानकारी नहीं दी जानी चाहिए थी? क्‍या ऐसी जानकारी हमें दो दिन बाद सोशल मीडिया के जरिये मिलेगी? हम लगातार उसका फोन लगा रहे थे लेकिन उससे या उसके मित्रों से संपर्क नहीं कर पा रहे थे।'

केरल से एक और अभिभावक ने फोन पर कहा, 'हम सीरिया या पाकिस्‍तान में नहीं है। पुलिस की यह जिम्मेदारी है कि गिरफ्तार किए जाने वालों के बारे में उनके अभिभावकों को सूचित करे। हमें इस बारे में सरकार, यूनिविर्सिटी प्रशासन या फेकल्टी सदस्यों की ओर से कोई सूचना नहीं मिली है। '

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गिरफ्तार किए गए छात्रों और उनके दो प्रोफेसरों की जमानत पर सुनवाई सोमवार तक टल गई है। इससे हैदराबाद यूनिवर्सिटी के रोहित वेमुला मामले में नया विवाद जुड़ गया है। मंगलवार को इन छात्रों को कथित तौर पर वीसी अप्पा राव को उनके ऑॅफिस में कथित तौर पर बंधक बनाने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। ये अब जेल में हैं। ये अप्पा राव के काम पर वापस लौटने का विरोध कर रहे थे। रोहित वेमुला खुदकुशी मामले में छात्रों के विरोध के बाद उन्‍हें यूनिवर्सिटी की ओर से अवकाश पर भेजा गया था। हालांकि रोहित ने अपने सुसाइड नोट में खुदकुशी के लिए किसी को जिम्‍मेदार नहीं ठहराया था लेकिन खुदकुशी से एक माह पहले उसकी ओर से लिखे गए पत्र में कथित तौर पर दलित होने के कारण उसके साथ भेदभाव किए जाने की बात कही गई थी। छात्रों की ज्वाइंट एक्शन कमेटी, 14 विभिन्न ऑन कैंपस स्टूडेंट ग्रुप, की ओर से कहा गया था कि मंगलवार को गिरफ्तार किए गए छात्रों को पुलिस ने लाठियों से पीटा।