'आयरन लेडी' कहलाने वाली सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला (फाइल फोटो)
मणिपुर की 'आयरन लेडी' कहलाने वाली सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने मंगलवार को नई राजनैतिक पार्टी लॉन्च कर दी है, जिसका नाम 'प्रजा' (PRAJA) या पीपल्स रीसर्जेन्स एंड जस्टिस एलायन्स रखा गया है. उन्होंने यह भी कहा कि वह अगले साल की शुरुआत में होने वाले मणिपुर विधानसभा चुनाव भी लड़ेंगी.
44-वर्षीय इरोम शर्मिला ने कहा कि उनकी पार्टी न्याय, समझदारी, प्रेम और शांति के मूल सिद्धांतों पर आधारित होगी. इरोम खुद दो विधानसभा सीटों थोउबल और खुरई से चुनाव लड़ेंगी, और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह मणिपुर की 60 में से 20 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े कर पाएंगी.
थोउबल कांग्रेस नेता ओकरम इबोबी सिंह का विधानसभा क्षेत्र है, जो वर्ष 2002 से लगातार मणिपुर के मुख्यमंत्री हैं. दो महीने पहले ही इरोम शर्मिला ने सेना के कथित अत्याचार के विरुद्ध 16 साल से जारी अपने अनशन को खत्म किया था, और प्रण लिया था कि वह अपने अभियान को राजनैतिक स्तर पर जारी रखेंगी, और इबोबी सिंह का सामना करेंगी.
उसके बाद वह दिल्ली आकर आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल से भी मिली थीं, ताकि बड़े राजनैतिक दलों को शिकस्त देने के बारे में सलाह ली जा सके, क्योंकि दिल्ली के मौजूदा मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी का सूपड़ा साफ करते अपनी पार्टी को अभूतपूर्व बहुमत दिलाने में कामयाबी हासिल की थी.
इरोम शर्मिला ने यह भी कहा था कि वह 'अच्छी सलाह' हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलना चाहेंगी.
इरोम शर्मिला ने नवंबर, 2000 में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आर्म्ड फोर्सेज़ स्पेशल पॉवर्स एक्ट - अफस्पा - AFSPA) के विरुद्ध अनशन शुरू किया था। इस एक्ट के तहत सेना को मणिपुर में अतिरिक्त शक्तियां मिली हुई हैं. दरअसल, इरोम शर्मिला के अनशन शुरू करने से 10 दिन पहले ही कथित रूप से असम राइफल्स के सैनिकों ने 10 लोगों को गोलियों से मार डाला था, जिनमें दो बच्चे भी शामिल थे. इसके बाद अफस्पा हटाए जाने की मांग को लेकर उनका अनशन लगातार 16 साल तक जारी रहा, जिसे उन्होंने इसी साल 9 अगस्त को खत्म किया.
उनकी नई पार्टी की प्रतिज्ञा है कि प्रजा अफस्पा के खात्मे के लिए काम करती रहेगी और हर प्रकार की हिंसा तथा सैन्यीकरण के खिलाफ रुख अपनाएगी.
प्रतिज्ञा में कहा गया, "कर्म से, बातों से हम अपने राजनैतिक उद्देश्यों को पाने के लिए सिर्फ अहिंसक साधनों का इस्तेमाल करेंगे..." प्रतिज्ञा के मुताबिक प्रजा इसके अलावा लिंगभेद खत्म करने के लिए काम करेगी, और आर्थिक लचीलेपन व लोगों की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगी.
अगस्त में अपना अनशन खत्म करते वक्त इरोम शर्मिला ने कहा था, "यही मेरी ज़िन्दगी है... मैं बराबरी चाहती हूं... मैं मणिपुर की आयरन लेडी कही जाती हूं, और मैं उसे सच साबित करना चाहती हूं..." वैसे, उस वक्त राजनीति में आने की घोषणा करने के साथ-साथ उन्होंने यह भी कहा था कि वह शादी करना चाहती हैं.
44-वर्षीय इरोम शर्मिला ने कहा कि उनकी पार्टी न्याय, समझदारी, प्रेम और शांति के मूल सिद्धांतों पर आधारित होगी. इरोम खुद दो विधानसभा सीटों थोउबल और खुरई से चुनाव लड़ेंगी, और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह मणिपुर की 60 में से 20 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े कर पाएंगी.
थोउबल कांग्रेस नेता ओकरम इबोबी सिंह का विधानसभा क्षेत्र है, जो वर्ष 2002 से लगातार मणिपुर के मुख्यमंत्री हैं. दो महीने पहले ही इरोम शर्मिला ने सेना के कथित अत्याचार के विरुद्ध 16 साल से जारी अपने अनशन को खत्म किया था, और प्रण लिया था कि वह अपने अभियान को राजनैतिक स्तर पर जारी रखेंगी, और इबोबी सिंह का सामना करेंगी.
उसके बाद वह दिल्ली आकर आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल से भी मिली थीं, ताकि बड़े राजनैतिक दलों को शिकस्त देने के बारे में सलाह ली जा सके, क्योंकि दिल्ली के मौजूदा मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी का सूपड़ा साफ करते अपनी पार्टी को अभूतपूर्व बहुमत दिलाने में कामयाबी हासिल की थी.
इरोम शर्मिला ने यह भी कहा था कि वह 'अच्छी सलाह' हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलना चाहेंगी.
इरोम शर्मिला ने नवंबर, 2000 में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आर्म्ड फोर्सेज़ स्पेशल पॉवर्स एक्ट - अफस्पा - AFSPA) के विरुद्ध अनशन शुरू किया था। इस एक्ट के तहत सेना को मणिपुर में अतिरिक्त शक्तियां मिली हुई हैं. दरअसल, इरोम शर्मिला के अनशन शुरू करने से 10 दिन पहले ही कथित रूप से असम राइफल्स के सैनिकों ने 10 लोगों को गोलियों से मार डाला था, जिनमें दो बच्चे भी शामिल थे. इसके बाद अफस्पा हटाए जाने की मांग को लेकर उनका अनशन लगातार 16 साल तक जारी रहा, जिसे उन्होंने इसी साल 9 अगस्त को खत्म किया.
उनकी नई पार्टी की प्रतिज्ञा है कि प्रजा अफस्पा के खात्मे के लिए काम करती रहेगी और हर प्रकार की हिंसा तथा सैन्यीकरण के खिलाफ रुख अपनाएगी.
प्रतिज्ञा में कहा गया, "कर्म से, बातों से हम अपने राजनैतिक उद्देश्यों को पाने के लिए सिर्फ अहिंसक साधनों का इस्तेमाल करेंगे..." प्रतिज्ञा के मुताबिक प्रजा इसके अलावा लिंगभेद खत्म करने के लिए काम करेगी, और आर्थिक लचीलेपन व लोगों की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगी.
अगस्त में अपना अनशन खत्म करते वक्त इरोम शर्मिला ने कहा था, "यही मेरी ज़िन्दगी है... मैं बराबरी चाहती हूं... मैं मणिपुर की आयरन लेडी कही जाती हूं, और मैं उसे सच साबित करना चाहती हूं..." वैसे, उस वक्त राजनीति में आने की घोषणा करने के साथ-साथ उन्होंने यह भी कहा था कि वह शादी करना चाहती हैं.
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