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This Article is From May 09, 2018

परमाणु करार से अमेरिका के बाहर होने के बाद अब भारत ने दी यह प्रतिक्रिया

मामले पर संभलकर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा कि सभी संबद्ध पक्षों को मुद्दे का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान करने के लिए रचनात्मक तरीके से संवाद करना चाहिये.

परमाणु करार से अमेरिका के बाहर होने के बाद अब भारत ने दी यह प्रतिक्रिया
अमेरिका मंगलवार को ईरान परमाणु करार से अलग हो गया.
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान परमाणु डील से बाहर आने का ऐलान आखिर कर ही दिया. यानी बराक ओबामा काल में जो लंबे समझौते के बाद ईरान और सुरक्षा परिषद के 5 देशों के अलावा जर्मनी के साथ जो डील हुई थी अब अमेरिका उससे बाहर आ गया है. ट्रंप ने कहा कि ये डील एकतरफा और विनाशकारी थी.

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परमाणु करार से अमेरिका के अलग हो जाने पर संभलकर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा कि सभी संबद्ध पक्षों को मुद्दे का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान करने के लिए रचनात्मक तरीके से संवाद करना चाहिये. साथ ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि मुद्दे का समाधान ढूंढने के दौरान परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के ईरान के अधिकार के साथ-साथ ईरान के परमाणु कार्यक्रम की शांतिपूर्ण प्रकृति में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ठोस दिलचस्पी भी सुनिश्चित की जानी चाहिए.

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उन्होंने कहा कि भारत कहता रहा है कि ईरान के परमाणु मुद्दे का समाधान बातचीत और कूटनीति के जरिये शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को घोषणा की थी कि अमेरिका ईरान के साथ हुए परमाणु करार से अलग हो रहा है. इस करार पर 2015 में ओबामा प्रशासन ने हस्ताक्षर किए थे. इसके जरिये तेहरान ने अपनी संवेदनशील परमाणु गतिविधियों को सीमित करने और आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले में अंतरराष्ट्रीय निरीक्षकों को उसके परमाणु प्रतिष्ठानों का निरीक्षण करने की अनुमति देने पर सहमति जताई थी.

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रवीश कुमार ने कहा, 'भारत हमेशा से कहता रहा है कि ईरान के परमाणु मुद्दे को बातचीत और कूटनीति के जरिये शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिये और ईरान के परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिये. साथ ही ईरान के परमाणु कार्यक्रम की शांतिपूर्ण प्रकृति में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ठोस दिलचस्पी सुनिश्चित की जानी चाहिये.' ईरान ने अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन, फ्रांस और जर्मनी के साथ वर्षों की बातचीत के बाद संयुक्त व्यापक कार्रवाई योजना (जेसीपीओए) करार पर हस्ताक्षर किया था.

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रवीश कुमार ने कहा कि सभी पक्षों को जेसीपीओए के संबंध में पैदा हुए मुद्दों का समाधान करने के लिये रचनात्मक तरीके से बातचीत करनी चाहिए.

(इनपुट : भाषा)

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