कार्ति चिदंबरम.
नई दिल्ली:
INX मीडिया मामले में कांग्रेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से कोई अंतरिम राहत नहीं मिली है. PMLA मामले में ED द्वारा गिरफ्तारी से सरंक्षण की मांग कोर्ट ने ठुकरा दी है. कोर्ट ने कहा कि इससे लंबित केस में असर पड़ेगा. कोर्ट ने ED को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. 8 मार्च को अगली सुनवाई होगी.
कार्ति की ओर से पेश वरिष्ठ कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि ED के इस मामले में कोर्ट कार्ति को अंतरिम सरंक्षण दें. कार्ति पहले ही जांच में सहयोग कर रहे हैं और वो जांच में शामिल भी हो चुके हैं. इस मामले में कोई FIR दर्ज नहीं है और उसके बिना गिरफ्तारी नहीं हो सकती.
सिब्बल ने कहा कि पिता ने बेटे को लोन दिया और उसी को मनी लांडरिंग का नाम दिया जा रहा है. कार्ति ने सिर्फ इस लोन को चुकाया था और इस बारे में सारे बैंक ट्रांजेक्शन व रिकार्ड मौजूद हैं.
सिब्बल ने कहा कि ऐसे में कोर्ट के अंतरिम सरंक्षण देने में कोई हर्ज नहीं है.
वहीं, ED की ओर से पेश ASG तुषार मेहता ने कहा कि कार्ति को कोई संरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए. अगर कोई अंतरिम सरंक्षण दिया जाता है तो इसका लंबित केस पर असर पड़ेगा. वो अभी सीबीआई हिरासत में है और आगे भी सीबीआई हिरासत की मांग करेगी. फिलहाल किसी नोटिस की जरूरत नहीं है.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने सुनवाई के बाद कहा कि फिलहाल कोई राहत नहीं दे रहे हैं. ED को नोटिस जारी किया जाता है.
कार्ति की ओर से पेश वरिष्ठ कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि ED के इस मामले में कोर्ट कार्ति को अंतरिम सरंक्षण दें. कार्ति पहले ही जांच में सहयोग कर रहे हैं और वो जांच में शामिल भी हो चुके हैं. इस मामले में कोई FIR दर्ज नहीं है और उसके बिना गिरफ्तारी नहीं हो सकती.
सिब्बल ने कहा कि पिता ने बेटे को लोन दिया और उसी को मनी लांडरिंग का नाम दिया जा रहा है. कार्ति ने सिर्फ इस लोन को चुकाया था और इस बारे में सारे बैंक ट्रांजेक्शन व रिकार्ड मौजूद हैं.
सिब्बल ने कहा कि ऐसे में कोर्ट के अंतरिम सरंक्षण देने में कोई हर्ज नहीं है.
वहीं, ED की ओर से पेश ASG तुषार मेहता ने कहा कि कार्ति को कोई संरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए. अगर कोई अंतरिम सरंक्षण दिया जाता है तो इसका लंबित केस पर असर पड़ेगा. वो अभी सीबीआई हिरासत में है और आगे भी सीबीआई हिरासत की मांग करेगी. फिलहाल किसी नोटिस की जरूरत नहीं है.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने सुनवाई के बाद कहा कि फिलहाल कोई राहत नहीं दे रहे हैं. ED को नोटिस जारी किया जाता है.
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