गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकी नावेद का फाइल फोटो...
श्रीनगर:
बीते बुधवार को उधमपुर में हुए आतंकवादी हमले के बाद पकड़े गए लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद नावेद याकूब को पनाह देने वाले शख्स को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कुलगाम से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने नावेद से मिली अहम जानकारी के आधार पर फैयाज अहमद को गिरफ्तार किया। फैयाज पर आतंकी नावेद को छह दिन तक पनाह देने का आरोप है।
इसी के साथ पुलिस ने नावेद को पनाह और मदद करने के आरोप में 3 लोगों को गिरफ़्तार किया है। इन तीनों को दक्षिण कश्मीर से गिरफ़्तार किया गया है। इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने उसे रहने को जगह दी और कश्मीर में यहां से वहां आने-जाने में मदद की।
पुलिस नावेद की आर्थिक मदद करने वाले एक व्यवसायी की भी तलाश कर रही है। इस बीच नावेद की कस्टडी को लेकर राज्य पुलिस और NIA में खींचतान बनी हुई है। NIA ने मामला दर्ज किया है, इसलिए वो नावेद को अपनी कस्टडी में लेना चाहती है, जबकि राज्य सरकार चाहती है कि नावेद जम्मू-कश्मीर पुलिस की कस्टडी में ही रहे।
सुरक्षा एजेंसियां जांच में मुख्यत: सिलेसिलेवार तरीके से उन घटनाओं का पता लगाने में जुटी हैं कि आतंकी नावेद करीब दो महीने तक कश्मीर में कैसे और कहां रहा। सूत्रों के अनुसार, एनआईए और जम्मू-कश्मीर पुलिस कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारियों पर एक साथ काम कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियां से जांच के दौरान पता लगे आतंकियों के स्थानीय संपर्कों की पहचान की कोशिश में जुटी हुई है। साथ ही एजेंसियां यह भी पता लगाने में जुटी है कि नावेद और उसके साथी ने कहां से हथियार खरीदे थे।
सूत्रों से पता चला है कि पाकिस्तान में नावेद के हैंडलर कासिम ने आतंकियों को यह निर्देश दिए थे कि उन्हें कहां जाना है और किससे मिलना है। नावेद ने तनमर्ग से चार आतंकवादियों के एक समूह के साथ घुसपैठ की थी। बुधवार को मारे गए उनकी साथी आतंकी ने पूंछ सेक्टर से घुसपैठ की थी।
दरअसल, नावेद को शुक्रवार को पूछताछ के लिए कश्मीर लाया गया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नावेद को सड़क के रास्ते कश्मीर लाया गया, क्योंकि खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका। सूत्रों ने बताया कि 23 साल के नावेद को उन सभी जगहों पर ले जाया जाएगा, जिनका जिक्र उसने पूछताछ के दौरान किया था। नावेद को बंधक बनाए गए तीन में से दो ग्रामीणों ने पकड़ा था।
नावेद ने नोमान नाम के एक अन्य आतंकवादी के साथ मिलकर बीएसएफ के काफिले पर हमला बोला था, जिसमें दो कांस्टेबल शहीद हो गए थे। बीएसएफ जवानों की जवाबी कार्रवाई में नोमान मारा गया था।
नावेद को मुठभेड़ की जगह के अलावा 'टमाटर मोड़' पर भी ले जाया गया, जहां उसने मंगलवार की रात बिताई थी। दक्षिण कश्मीर के कुलगाम से ट्रक में बैठकर वह 'टमाटर मोड़' पहुंचा था।
केंद्र की ओर से अधिसूचना जारी करने के बाद एनआईए ने इस मामले की जांच का जिम्मा संभाला था। नावेद का दावा है कि वह पाकिस्तान के फैसलाबाद का रहने वाला है। (इनपुट एजेंसी से भी)
इसी के साथ पुलिस ने नावेद को पनाह और मदद करने के आरोप में 3 लोगों को गिरफ़्तार किया है। इन तीनों को दक्षिण कश्मीर से गिरफ़्तार किया गया है। इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने उसे रहने को जगह दी और कश्मीर में यहां से वहां आने-जाने में मदद की।
पुलिस नावेद की आर्थिक मदद करने वाले एक व्यवसायी की भी तलाश कर रही है। इस बीच नावेद की कस्टडी को लेकर राज्य पुलिस और NIA में खींचतान बनी हुई है। NIA ने मामला दर्ज किया है, इसलिए वो नावेद को अपनी कस्टडी में लेना चाहती है, जबकि राज्य सरकार चाहती है कि नावेद जम्मू-कश्मीर पुलिस की कस्टडी में ही रहे।
सुरक्षा एजेंसियां जांच में मुख्यत: सिलेसिलेवार तरीके से उन घटनाओं का पता लगाने में जुटी हैं कि आतंकी नावेद करीब दो महीने तक कश्मीर में कैसे और कहां रहा। सूत्रों के अनुसार, एनआईए और जम्मू-कश्मीर पुलिस कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारियों पर एक साथ काम कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियां से जांच के दौरान पता लगे आतंकियों के स्थानीय संपर्कों की पहचान की कोशिश में जुटी हुई है। साथ ही एजेंसियां यह भी पता लगाने में जुटी है कि नावेद और उसके साथी ने कहां से हथियार खरीदे थे।
सूत्रों से पता चला है कि पाकिस्तान में नावेद के हैंडलर कासिम ने आतंकियों को यह निर्देश दिए थे कि उन्हें कहां जाना है और किससे मिलना है। नावेद ने तनमर्ग से चार आतंकवादियों के एक समूह के साथ घुसपैठ की थी। बुधवार को मारे गए उनकी साथी आतंकी ने पूंछ सेक्टर से घुसपैठ की थी।
दरअसल, नावेद को शुक्रवार को पूछताछ के लिए कश्मीर लाया गया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नावेद को सड़क के रास्ते कश्मीर लाया गया, क्योंकि खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका। सूत्रों ने बताया कि 23 साल के नावेद को उन सभी जगहों पर ले जाया जाएगा, जिनका जिक्र उसने पूछताछ के दौरान किया था। नावेद को बंधक बनाए गए तीन में से दो ग्रामीणों ने पकड़ा था।
नावेद ने नोमान नाम के एक अन्य आतंकवादी के साथ मिलकर बीएसएफ के काफिले पर हमला बोला था, जिसमें दो कांस्टेबल शहीद हो गए थे। बीएसएफ जवानों की जवाबी कार्रवाई में नोमान मारा गया था।
नावेद को मुठभेड़ की जगह के अलावा 'टमाटर मोड़' पर भी ले जाया गया, जहां उसने मंगलवार की रात बिताई थी। दक्षिण कश्मीर के कुलगाम से ट्रक में बैठकर वह 'टमाटर मोड़' पहुंचा था।
केंद्र की ओर से अधिसूचना जारी करने के बाद एनआईए ने इस मामले की जांच का जिम्मा संभाला था। नावेद का दावा है कि वह पाकिस्तान के फैसलाबाद का रहने वाला है। (इनपुट एजेंसी से भी)
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