
राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची जारी होने के छह महीने बाद एनआरसी से जुड़े अधिकारी आंतरिक जांच की प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि सूची से विदेशी नागरिकों के नाम को हटाया जा सके. एनआरसी राज्य समन्वयक हिरेश देव शर्मा ने असम के सभी 33 जिलों के डिप्टी कमिश्नरों से कहा है कि वे "अयोग्य व्यक्तियों" का विवरण दें, जिन्हें एनआरसी में शामिल किया गया है. एनआरसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह एनआरसी प्रकाशन के बाद की प्रक्रिया है, जिसमें ये जांच करने की जरूरत होती है कि क्या किसी "अयोग्य" श्रेणी के व्यक्ति को एनआरसी में शामिल किया गया हैं.
हालांकि, असम एनआरसी से जुड़े एक सूत्र ने एनडीटीवी को बताया कि यह प्रक्रिया पिछले साल अगस्त में एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशन से पहले की गई थी.
'15 करोड़, 100 करोड़ पर भारी' वाले बयान पर कांग्रेस नेता ने कहा- भाजपा की 'बी टीम' है AIMIM
जिन श्रेणियों के लोगों की जांच की जाएगी, उनमें संदिग्ध मतदाता (DV), घोषित विदेशी (DF), विदेशी ट्रिब्यूनल में लंबित (PFT) मामले और डीवी, डीएफ और पीएफटी की संतानें शामिल हैं.
असम एनआरसी की निगरानी कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि इन श्रेणियों को होल्ड पर रखा जाये और और एनआरसी की अंतिम सूची में शामिल नहीं किया जाए.
डिप्टी कमिश्नर और डिस्ट्रिक रजिस्ट्रार ऑफ सिटीजन रजिस्ट्रेशन (डीआरसीआर) को भेजे गए नोटिस में कहा गया, "यह जानकारी में आया है कि 31 अगस्त 2019 को एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशन के बाद, अंतिम एनआरसी में कुछ अपात्र लोगों के नाम मौजूद हैं."
वीडियो: 'आप ये रास्ता खोलिए और देखिए कि कितने रास्ते खुल जाएंगे'