नई दिल्ली:
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की चेयर के सामने सेक्रेटरी जनरल के डेस्क का आज घेराव कर दिया गया ताकि सांसदों की भीड़ को लोकसभा अध्यक्ष की चेयर से दूर रखा जा सके। इससे पूर्व मंगलवार को भी विपक्ष के हंगामे को लेकर सुमित्रा महाजन काफी नाराज हो गई थीं और उन्होंने कहा था कि यह हद हो गई।
ऐसा पहली बार है जब लोकसभा के इस एरिया में सांसदों को दूर रखने के लिए इस तरह घेराव किया गया। इससे पूर्व मंगलवार को भी विपक्षी दलों के हंगामे के बीच मंगलवार को आसन की ओर कागज फाड़ कर उछाले गए और अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए कहा कि 40 लोग 440 लोगों के अधिकार नहीं मार सकते हैं।
सदस्यों के व्यवहार से आक्रोशित अध्यक्ष ने कहा, 'जिस प्रकार का व्यवहार आपने (कांग्रेसी सदस्यों) आसन के साथ किया है उससे मैं बेहद दुखी हूं। जिस तरह से उपाध्यक्ष पर कागज फेंके गए वह कदापि माफी योग्य नहीं है। यह कोई तरीका नहीं है। मैं आपको चेतावनी दे रही हूं। कागज फेंकना उचित नहीं है।'
स्पीकर आज इतना नाराज हुई कि उन्होंने लोकसभा टीवी के संचालकों से कहा कि वह सदन के भीतर हो रहे विरोध प्रदर्शन को पूरा दिखाएं ताकि सांसदों का व्यवहार उनके संसदीय क्षेत्र की जनता देख सके।
लोकसभा अध्यक्ष ने संसद से बाहर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सांसदों के आचरण पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे वे लोग सीधा आसन पर ही उंगलियां उठा रहे हों।
वहीं, कांग्रेसी सांसदों का आरोप है कि बीजेपी के सांसदों ने डराने, हमला करने और कोहनी मारने का प्रयास किया।
मॉनसून सेशन में इस बार पांच दिनों के लिए 25 कांग्रेसी सासंदों को निलंबित किया गया क्योंकि उनका संसद में व्यवहार ठीक नहीं रहा।
कांग्रेस विवादित वरिष्ठ बीजेपी नेताओं के इस्तीफे की मांग पर अड़ी है और इसके चलते वह संसद के दोनों सदनों को चलने नहीं दे रही है। संसद का मॉनसून सत्र गुरुवार को समाप्त हो रहा है।
ऐसा पहली बार है जब लोकसभा के इस एरिया में सांसदों को दूर रखने के लिए इस तरह घेराव किया गया। इससे पूर्व मंगलवार को भी विपक्षी दलों के हंगामे के बीच मंगलवार को आसन की ओर कागज फाड़ कर उछाले गए और अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए कहा कि 40 लोग 440 लोगों के अधिकार नहीं मार सकते हैं।
सदस्यों के व्यवहार से आक्रोशित अध्यक्ष ने कहा, 'जिस प्रकार का व्यवहार आपने (कांग्रेसी सदस्यों) आसन के साथ किया है उससे मैं बेहद दुखी हूं। जिस तरह से उपाध्यक्ष पर कागज फेंके गए वह कदापि माफी योग्य नहीं है। यह कोई तरीका नहीं है। मैं आपको चेतावनी दे रही हूं। कागज फेंकना उचित नहीं है।'
स्पीकर आज इतना नाराज हुई कि उन्होंने लोकसभा टीवी के संचालकों से कहा कि वह सदन के भीतर हो रहे विरोध प्रदर्शन को पूरा दिखाएं ताकि सांसदों का व्यवहार उनके संसदीय क्षेत्र की जनता देख सके।
लोकसभा अध्यक्ष ने संसद से बाहर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सांसदों के आचरण पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे वे लोग सीधा आसन पर ही उंगलियां उठा रहे हों।
वहीं, कांग्रेसी सांसदों का आरोप है कि बीजेपी के सांसदों ने डराने, हमला करने और कोहनी मारने का प्रयास किया।
मॉनसून सेशन में इस बार पांच दिनों के लिए 25 कांग्रेसी सासंदों को निलंबित किया गया क्योंकि उनका संसद में व्यवहार ठीक नहीं रहा।
कांग्रेस विवादित वरिष्ठ बीजेपी नेताओं के इस्तीफे की मांग पर अड़ी है और इसके चलते वह संसद के दोनों सदनों को चलने नहीं दे रही है। संसद का मॉनसून सत्र गुरुवार को समाप्त हो रहा है।
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