आईएनएस विक्रमादित्य (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य के कमांडिग ऑफिसर का कार्यभार कैप्टन कृष्णा स्वामीनाथन ने संभाल लिया। कैप्टन स्वामीनाथन ने कैप्टन सूरज बेरी से पदभार लिया जो 16 नवंबर 2013 से ही इस विमानवाहक पोत के कैप्टन थे।
14 जून 2014 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस विमान वाहक पोत को राष्ट्र को समर्पित किया था। करीब 20 मिग-29 के लड़ाकू विमान, कामोव और एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर से लैस इस पोत का कोई सानी नहीं है। विक्रमादित्य 45300 टन भार वाला, 284 मीटर लम्बा और 60 मीटर ऊंचा युद्धपोत है।
कमान संभालना किसी सपने के पूरे होने जैसा
कैप्टन स्वामीनाथ कहते हैं कि विक्रमादित्य की कमान संभालना एक सपने का पूरे होने जैसा है, लेकिन इसकी चुनौती कहीं ज्यादा है। हर वक्त इसे ऑपरेशनल तौर पर तैयार रखना। करीब 1500 नौसैनिकों और 150 अफसरों से लैस यह समंदर में एक छोटा शहर है। दूर तक और सही निशाना साधने का ध्येय रखकर चलने वाला यह विमान वाहक सही मायने में नौसेना की शान है जिसके रहते ब्लू वॉटर में भारत को कोई भी चुनौती देने से पहले कई बार सोचेगा। भारत के पास इसके अलावा विराट विमान वाहक पोत है जो रिटायमेंट की कगार पर है।