ये दूसरा मौका है जब किसी विमान वाहक पोत पर एटीएम लगाया गया है.
नई दिल्ली:
भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर भारतीय स्टेट बैंक का एटीएम खुल गया है. इस एटीएम के खुलने से करीब 1500 नौसैनिकों को फायदा पहुंचेगा. ये दूसरा मौका है जब किसी विमान वाहक पोत पर एटीएम लगाया गया है. इससे पहले विमान वाहक पोत विराट पर एटीएम लगा था लेकिन वो टेलीफोन लिंक पर चलता था लेकिन विक्रमादित्य पर लगा एटीएएम सीधे सेटेलाइट लिंक से काम करेगा.
इसके जरिये कोई नौसैनिक न केवल रुपये निकाल पाएगा बल्कि मिनी स्टेटमेंट, बैंक बैलेंस का डिटेल्स भी चेक कर पाएगा. बैंक की योजना है कि इस एटीएम को आगे चलकर इतना अपग्रेड कर दिया जाए कि इसके जरिए नौसैनिक अपने रुपये का किसी दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर और किसी भी कार्ड में पैमेंट भी कर सके. इसके लिए नौसेना ने एसबीआई के साथ एक समझौता किया है . हलांकि नौसेना की विमानवाहक पोत को छोड़कर किसी दूसरे युद्धपोत में और एटीएम खोलने की योजना है क्योंकि इसके लिए अलग से जगह की जरुरत होती है.
कर्नाटक के कारवाड़ नौसैनिक अड्डे पर इस एटीएम सेवा का उद्घाटन किया गया. चवालीस हज़ार टन से भी ज़्यादा वज़नी आईएनएस विक्रमादित्य 280 मीटर लंबा और 60 मीटर ऊंचा युद्धपोत है. इसकी लंबाई तीन फुटबॉल मैदानों के बराबर और ऊंचाई तीन मंज़िला इमारत जितनी है. इस पर तकरीबन 1500 नौसैनिक और 110 अधिकारी तैनात रहते हैं. आपको बता दें कि लबे समय तक समंदर में रहने की वजह से नौसैनिकों को कैश की दिक्कत होती थी इसलिए विक्रमादित्य पर एटीएम लगाने का फैसला किया गया.
इसके जरिये कोई नौसैनिक न केवल रुपये निकाल पाएगा बल्कि मिनी स्टेटमेंट, बैंक बैलेंस का डिटेल्स भी चेक कर पाएगा. बैंक की योजना है कि इस एटीएम को आगे चलकर इतना अपग्रेड कर दिया जाए कि इसके जरिए नौसैनिक अपने रुपये का किसी दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर और किसी भी कार्ड में पैमेंट भी कर सके. इसके लिए नौसेना ने एसबीआई के साथ एक समझौता किया है . हलांकि नौसेना की विमानवाहक पोत को छोड़कर किसी दूसरे युद्धपोत में और एटीएम खोलने की योजना है क्योंकि इसके लिए अलग से जगह की जरुरत होती है.
कर्नाटक के कारवाड़ नौसैनिक अड्डे पर इस एटीएम सेवा का उद्घाटन किया गया. चवालीस हज़ार टन से भी ज़्यादा वज़नी आईएनएस विक्रमादित्य 280 मीटर लंबा और 60 मीटर ऊंचा युद्धपोत है. इसकी लंबाई तीन फुटबॉल मैदानों के बराबर और ऊंचाई तीन मंज़िला इमारत जितनी है. इस पर तकरीबन 1500 नौसैनिक और 110 अधिकारी तैनात रहते हैं. आपको बता दें कि लबे समय तक समंदर में रहने की वजह से नौसैनिकों को कैश की दिक्कत होती थी इसलिए विक्रमादित्य पर एटीएम लगाने का फैसला किया गया.
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