यूक्रेन से इंसान और जानवर के याराने की ऐसी कहानी सामने आ रही है, जो यकीनन किसी का दिल जीत लेगी. दरअसल युद्धग्रस्त इलाके में फंसे इंजीनियरिंग के एक छात्र ने अपने पालतू कुत्ते (Pet Dog) के बिना देश छोड़ने से इनकार कर दिया है. पूर्वी यूक्रेन (Ukraine) में खार्किव नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ रेडियो इलेक्ट्रॉनिक्स में पढ़ने वाले ऋषभ कौशिक (Risabh Kaushik) का दावा है कि वह सभी कागजी कार्रवाई और मंजूरी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उनका कुत्ता उनके साथ जा सके. लेकिन वो फिर भी वहीं फंसे हैं.
ऋषभ कौशिक ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो (Video)पोस्ट किया है. कौशिक का कहना है कि उन्होंने दिल्ली (Delhi) में भारत सरकार की एनिमल क्वारंटाइन एंड सर्टिफिकेशन सर्विस (एक्यूसीएस) और यूक्रेन में भारतीय दूतावास से संपर्क किया, लेकिन उसका भी कोई फायदा नहीं हुआ. सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए एक वीडियो (Video) में, ऋषभ ने यह भी दावा किया कि उसने अपनी स्थिति के बारे में दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे (IGI Airport) पर किसी को फोन किया लेकिन दूसरे छोर पर मौजूद व्यक्ति ने उसे गालियां दीं और बिल्कुल भी सहयोग नहीं किया.
ऋषभ ने कहा कि "मैं अभी भारत में होता अगर भारत सरकार ने मुझे कानूनों के अनुसार आवश्यक एनओसी दिया होता,". फिलहाल कौशिक राजधानी कीव में एक बंकर में छिपे हुए हैं क्योंकि रूसी सेना (Russian Army) शहर को क्रूज मिसाइलों के साथ घेर रही है. सायरन बजने और गोलियों और बमबारी की आवाज़ों के बीच, उसे अपने कुत्ते को गर्म रखने के लिए बंकर से ऊपर आना पड़ता है क्योंकि बंकर में तापमान काफी कम होता है. छात्र का कहना है कि उसे पिछले फरवरी में खार्किव में ये पिल्ला मिला था.
ऋषभ अपने कुत्ते (Dog) 'मालिबू' के बिना किसी भी कीमत पर वापस भारत आने को तैयार नहीं हैं. ऋषत्र ने कहा कि अपने कुत्ते मिलाबू के साथ हवाई जहाज में आने की इजाजत मिलने के बाद ही वो वापस आएंगे.'' वो कहते हैं कि भारी तनाव के बाद भी युद्ध नहीं होना चाहिए था. लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा हुआ. उन्होंने बताया कि कुत्ते के साथ उड़ने के लिए एनओसी हासिल करने की प्रक्रिया उन्होंने 20 फरवरी को शुरू की थी. इसके लिए उन्होंने भारतीय दूतावास को ईमेल (E-Mail) भी भेजा था.
सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करते हुए ऋषभ ने कहा, "मैं यहां फंस गया हूं क्योंकि मेरी उड़ान 27 फरवरी को थी" इसके साथ ही वीडियो फ्रेम में मालिबू का भी परचिय दे रहे हैं., उन्होंने कहा कि लगातार बमबारी की आवाज़ के कारण जानवर तनाव में है और "हर समय रोता है". "यदि आप कर सकते हैं, तो कृपया हमारी मदद करें. यहां तक कि कीव में भारतीय दूतावास भी हमारी मदद नहीं कर रहा है. हमारे पास किसी से अपडेट नहीं है," उन्होंने भारत सरकार से अपील करते हुए मदद की गुहार लगाई.
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