भारत सरकार ने बताया है कि इराक के तिकरित में फंसी 46 भारतीय नर्सों को दूसरी जगह ले जाया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर भारतीय नर्सों ने जगह बदलने के लिए खुद सहमति दी और वे इस समय नई जगह ले जाई जा रही हैं। हालांकि विदेश मंत्रालय ने यह बताने से इनकार कर दिया की नर्सों को लेकर कौन जा रहा है...
यह पूछे जाने पर कि क्या वे नर्सें कैद में हैं, अकबरुद्दीन ने कहा, विदेश मंत्रालय का कहना है कि संघर्ष के क्षेत्र में अगर कोई फंसा हो, तो यह कहना मुश्किल है कि वह आजाद है। हम सिर्फ इतना कह सकते हैं कि वे रास्ते में हैं और उनकी सुरक्षा सर्वोच्च है। अकबरुद्दीन के अनुसार, भारतीय अधिकारी लगातार इन नर्सों से संपर्क में हैं।
दरअसल, आईएसआईएस के आतंकवादी उन नर्सों पर जगह छोड़ने का दबाव बना रहे थे। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने नई दिल्ली में पत्रकारों को बताया कि हिंसाग्रस्त तिकरित में ये नर्सें एक इमारत के बेसमेंट में थीं, जहां से वे दूसरी जगह चली गई हैं। जानकारी के मुताबिक आतंकवादी पिछले दो दिन से इन भारतीय नर्सों को बसों में बैठकर दूसरी जगह जाने के लिए कह रहे थे, लेकिन नर्सें इसके लिए तैयार नहीं हो रही थीं।
अकबरुद्दीन ने यह भी बताया कि इराक में लगभग 1500 भारतीय हिन्दुस्तान लौटना चाहते हैं, और हमारे अधिकारी इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। इससे पूर्व, केरल के मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने गुरुवार को विदेशमंत्री सुषमा स्वराज से मिलकर इन नर्सों की सुरक्षा तथा वापसी सुनिश्चित करने के बारे में बातचीत की।
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