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This Article is From Jun 25, 2020

भारतीय निर्यातक चीनी उत्पादों पर बैन लगाने के खिलाफ, कहा- इससे भारत को होगा ज्यादा नुकसान

फेडरेशन ऑफ़ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन ने आगाह किया है कि ऐसा करने से भारतीय अर्थव्यवस्था को ज्यादा नुकसान होगा

भारतीय निर्यातक चीनी उत्पादों पर बैन लगाने के खिलाफ, कहा- इससे भारत को होगा ज्यादा नुकसान
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

भारत-चीन सीमा पर दोनों सेनाओं में हिंसक टकराव और तनाव के बाद भारतीय बाज़ारों में धड़ल्ले से बिकने वाले चीनी सामान पर प्रतिबंध की मांग कुछ व्यापारी संगठनो कर रहे हैं. लेकिन देश के एक्सपोर्टरों की सबसे बड़ी संस्था फेडरेशन ऑफ़ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन ने  इस मांग का विरोध किया है और आगाह किया है कि ऐसा करने से भारतीय अर्थव्यवस्था को ज्यादा नुकसान होगा. 

भारतीय बाज़ार के कई सेक्टरों में चीनी सामान की पकड़ काफी मज़बूत है. मोबाइल जैसे इलेक्ट्रॉनिक गुड्स से लेकर मेडिकल इक्विपमेंट तक चीनी सामान धड़ल्ले से बिकता है. अब भारत-चीन संबंधों में तनाव के बाद चीनी सामान पर पाबंदी को लेकर उठ रही मांग को देश में सबसे प्रभावी संस्था फेडरेशन ऑफ़ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनइजेशन यानी FIEO ने इस मांग को अनुचित करार दिया है.

गुरुवार को एक डिजिटल ब्रीफिंग के दौरान NDTV के एक सवाल के जवाब में FIEO के अध्यक्ष ने कहा कि ऐसा करने पर अगर चीन ने जवाबी करवाई की तो भारतीय अर्थव्यवस्था को ज्यादा नुकसान होगा. 

यह पूछने पर कि कुछ व्यापारी संगठन चीनी सामान पर प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं. क्या ऐसा करना संभव होगा. आप कैसे देखते हैं इन मांगों को? FIEO के अध्यक्ष एसके सराफ ने कहा कि- खुलेआम प्रतिबंध लगाना संभव नहीं होगा.  अगर चीन ने retaliatory measures लिए तो हमारा नुकसान ज्यादा होगा.

FIEO के मुताबिक आर्थिक संबंधों में चीन का पलड़ा काफी भारी है. सन 2019 में भारत-चीन व्यापार बढ़ा है. भारत से चीन होने वाला निर्यात 1.23 लाख करोड़ (US $ 16.5-Billion ) से बढ़कर 1.27 लाख करोड़ (US $ 16.95-Billion) हुआ जबकि इस दौरान चीन से होने वाला आयात 5.53 लाख करोड़ (US $ 73.8-बिलियन) से घटकर 5.11  लाख करोड़ (US $ 68.2-Billion) हुआ. लेकिन ट्रेड डेफिसिट अब भी 3.84 लाख करोड़ (US $ 51.25-Billion) का है.

 देश के बड़े एक्सपोर्टर ये मानते हैं कि भारत से चीन एक्सपोर्ट होने वाले माल में रॉ मटेरियल (कच्चा माल) की हिस्सेदारी 50% से 60% तक है. इस पर भारत सेस लगाकर इन्हे कंट्रोल कर सकता है. चीन भारत से कई तरह का कच्चा माल सस्ते में खरीदकर उसे प्रोसेस और तैयार करके दुनिया के कई देशों में महंगे दाम में बेचता है.  

अजय सहाय, डीजी, FIEO ने कहा कि हम चाइनीज उत्पादों पर बेन के विरुद्ध हैं. चीन से की इनपुट भारत आते हैं.जिनसे हमारा एक्सपोर्ट काम्पटेटिव होता है. इमोशनल सिचुएशन में चीनी उत्पादों बैन करना उचित नहीं होगा.  नी जर्क रिएक्शन ठीक नहीं होगा. चीनी उत्पादों को बैन करने से हमारी इकॉनामी को कॉस्ट पे करना होगा. 

देश के बड़े एक्सपोर्टरों का सुझाव है -- भारत को धीरे-धीरे चीनी सामानों पर अपनी निर्भरता कम करनी होगी.  जैसे पिछले दो साल में चीन से आयात होने वाले मोबाइल फ़ोन में 9 बिलियन डॉलर तक की कमी आई है. साफ़ है दो देशों के आर्थिक संबंधों की अपनी जटिलताएं हैं और इनसे भारत सरकार को संभलकर निपटना पड़ेगा.

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