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This Article is From Nov 09, 2016

पिछले ढाई वर्षों में भारत, वैश्विक अर्थव्यवस्था का 'चमकता सितारा' बना : नरेंद्र मोदी

पिछले ढाई वर्षों में भारत, वैश्विक अर्थव्यवस्था का 'चमकता सितारा' बना : नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: केंद्र की सत्ता में आने के बाद पिछले ढाई वर्षों में देशवासियों की आशा आकांक्षाओं को पूरा करने के अपने प्रयासों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दो वर्षों तक व्यापक सूखे और सत्ता संभालने से पहले ब्रिक्स देशों में भारत के लुढ़कने की परिस्थितियों के बाद आज भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था का 'चमकता सितारा' बनकर उभरा है.

राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने अवैध वित्तीय गतिविधियों को 'सबसे बड़ा धब्बा' करार देते हुए कहा कि पिछले ढाई वर्षों में उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार और काला धन पर लगाम लगाने के लिए कई कदम उठाये हैं. सरकार के प्रयासों से भ्रष्टाचार के संदर्भ में भारत वैश्विक रैंकिंग में 100वें स्थान से अपनी स्थिति बेहतर बनाकर 76वें स्थान पर आ गया है.

मोदी ने कहा, ''यह हमारे देश में भ्रष्टाचार के फैले जाल को दर्शाता है. भ्रष्टाचार की इस बीमारी के कारण कुछ लोगों को फलने फूलने का मौका मिला. कुछ लोगों ने अपने पदों का दुरुपयोग करके फायदा उठाया. और दूसरी ओर ईमानदार जनता प्रभावित होती रही.''  

प्रधानमंत्री ने कहा, ''मई 2014 में हमें देश की जनता ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी थी. तब ब्रिक्स देशों में 'आई' यानी इंडिया या भारत लुढ़क रहा था. लगातार 2 वर्षों तक देश में अकाल की स्थिति थी. इसके बाद भी पिछले ढाई वर्षों में सवा सौ करोड़ देशवासियों के सहयोग से आज भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के चमकते सितारे के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है.'' उन्होंने कहा कि विकास की इस दौड़ और गरीबी के खिलाफ लड़ाई में हमारा मूल मंत्र है-सबका साथ, सबका विकास. यह सरकार गरीबों के लिए समर्पित है और गरीबों के लिए काम करेगी.

मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार, कालाधन, जाली नोट, आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई होनी चाहिए. कौन ऐसा नागरिक है जो भ्रष्टाचार को स्वीकार कर सकेगा और जिसे भ्रष्टाचार के कारण तकलीफ नहीं होगी.

प्रधानमंत्री ने अपने 40 मिनट के संबोधन में कहा कि भ्रष्टाचार, काला धन, जाली नोट ऐसा नासूर बन गया है जो देश को खोखला बना रहा है. आतंकवाद की भयावहता को कौन नहीं जानता है. क्या आप जानते हैं कि आतंकवाद के लिए पैसा कहां से आ रहा है? सीमा पार से इसके लिए जाली नोटों का धंधा चल रहा है. उन्होंने कहा कि एक तरफ आतंकवाद और जाली नोट देश को तबाह करने का प्रयास कर रहे हैं तो दूसरी ओर भ्रष्टाचार और काला धन की चुनौती है.

मोदी ने कहा कि सरकार संभालने के बाद हमने काला धन और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाये. सत्ता में आने के बाद पहला फैसला करते हुए हमने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में काला धन के विषय पर एसआईटी का गठन किया. विभिन्न देशों के साथ कर संबंधी समझौते किये, अमेरिका समेत विभिन्न देशों के साथ सूचनाओं के आदान प्रदान करने संबंधी सहमति बनाई.

उन्होंने कहा कि अगस्त 2016 में बेनामी संपत्ति संबंधी एक कानून को मंजूरी दी. इसके माध्यम से चोर दरवाजे को बंद किया. अघोषित धन को उजागर करने की योजना के कारण काफी मात्रा में धन बाहर आया.

उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयास से पिछले ढाई साल के दौरान 1.25 लाख करोड़ रुपये के काला धन का पता लगाया गया है. प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि सभी राजनीतिक दल, सामाजिक एवं शैक्षणिक संगठन, मीडिया इसे सफल बनाने के लिए सरकार से भी बढ़कर कार्य करेंगे.

मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार, कालाधन, जाली नोट, आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई होनी चाहिए. कौन ऐसा नागरिक है जो भ्रष्टाचार को स्वीकार कर सकेगा और जिसे भ्रष्टाचार के कारण तकलीफ नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि 500 रुपये और 1000 रुपये वाले नोट का हिस्सा 80 से 90 प्रतिशत तक पहुंच गया है. देश में कैश के अधिकतम सर्कुलेशन का सीधा संबंध भ्रष्टाचार से है. भ्रष्टाचार से अर्जित नगदी के कारण महंगाई पर असर पड़ता है. इसके कारण गरीब और मध्यम वर्ग प्रभावित होते हैं. इसके कारण मूल्य में कृत्रिम वृद्धि होती है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार से अर्जित धन या कालाधन, इनसे बेनामी हवाला धन को बढावा मिलता है. हम सब जानते हैं कि हवाला धन का इस्तेमाल आतंकी हथियारों की खरीद के लिए करते हैं, इसके साथ ही हवाला धन का चुनाव में भी इस्तेमाल पाया गया है.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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