नई दिल्ली:
वायुसेना का अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास 'गगन शक्ति' 8 से 22 अप्रैल तक चला.पाकिस्तान से लेकर चीन सीमा तक यह अभ्यास किया गया.इसमें दोनो मोर्चों पर एक साथ लड़ने की ताकत और क्षमता को परखा गया.
अभ्यास के दौरान 11000 उड़ानें भरी गईं. इसमें 9000 तो केवल लड़ाकू विमानों ने उड़ानें भरीं.80 फीसदी विमान का उपयोग किया गया.विमान और हेलीकॉप्टर से फायर किए गए बम निशाने पर लगे.इसकी नौ महीने से हो रही थी तैयारी.48 घंटे में वायुसेना एक छोर से दूसरी छोर पर ऑपेरशन कर पाने में सक्षम साबित हुई.
कम वक्त में वायुसेना ने अपने मौजूदा संसाधनों के साथ ऑपेरशन करने के अभ्यास में हर तरह के युद्ध के महौल में अपने कौशल को निखारा.खामियों से सीखने की कोशिश की गई.1400 ऑफिसर और 14000 जवानों ने इसमें हिस्सा लिया.
अभ्यास के दौरान 11000 उड़ानें भरी गईं. इसमें 9000 तो केवल लड़ाकू विमानों ने उड़ानें भरीं.80 फीसदी विमान का उपयोग किया गया.विमान और हेलीकॉप्टर से फायर किए गए बम निशाने पर लगे.इसकी नौ महीने से हो रही थी तैयारी.48 घंटे में वायुसेना एक छोर से दूसरी छोर पर ऑपेरशन कर पाने में सक्षम साबित हुई.
कम वक्त में वायुसेना ने अपने मौजूदा संसाधनों के साथ ऑपेरशन करने के अभ्यास में हर तरह के युद्ध के महौल में अपने कौशल को निखारा.खामियों से सीखने की कोशिश की गई.1400 ऑफिसर और 14000 जवानों ने इसमें हिस्सा लिया.
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