भारतीय वायुसेना ने 239 यात्रियों के साथ लापता मलेशियाई विमान का पता लगाने के खोजबीन अभियान में मदद के लिए अपने एक विमान को तैयार रखा है।
भारतीय वायुसेना के एक प्रवक्ता ने कहा, 'हमने अपने एक विमान को तैयार रखा है और जैसे ही हमें आदेश मिलता है, हम खोजबीन अभियान के लिए उड़ान भरने को तैयार हैं।' भारतीय वायुसेना के विमान को संभवत: अंडमान निकोबार द्वीप समूह के समीप मलक्का जलडमरूमध्य के जल क्षेत्र में अभियान में लगाया जा सकता है।
वायुसेना ने अपने डोर्नियर विमान के साथ ही एमआई 17 हेलिकाप्टरों को द्वीप क्षेत्र में तैनात कर रखा है और यदि जरूरत पड़ी तो नौसेना पी 81 और टीयू 142 नौवहन निगरानी विमानों को तैनात कर सकती है।
मलेशिया ने लापता विमान का पता लगाने के लिए भारत से मदद मांगी है और यहां सरकार ने इस मामले में आगे बढ़ने और सूचनाओं को साझा करने के लिए उचित अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
प्रशासन का कहना है कि पूर्वी मलेशिया में हवाई यातायात नियंत्रण केंद्र से विमान का अंतिम संपर्क कोटा भारू और वियतनाम के दक्षिणी छोर के बीच कहीं पर हुआ था और उस समय वह 35 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ रहा था।
लापता विमान की खोज का काम पांचवें दिन में प्रवेश कर गया है और दस देशों से करीब 34 विमान और 40 पोत विमान के उड़ान मार्ग और उसके आसपास के जल मार्ग को खोजने में जुटे हैं।
भारत की अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में तीन स्तरीय सैन्य कमान मौजूद है तथा नौसेना और वायुसेना इलाके में नियमित रूप से गश्त करती हैं। शुक्रवार को विमान के लापता होने के बाद से शनिवार की सुबह से चलाया जा रहा सघन खोजबीन अभियान दक्षिणी चीन सागर में विमान का पता लगाने में विफल रहा है और प्रशासन ने खोजबीन के दायरे को अंडमान सागर तक बढ़ा दिया है। मलेशियाई अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
बीजिंग जाने वाले मलेशिया एयरलाइंस के विमान बोइंग 777 में पांच भारतीयों समेत 239 लोग सवार थे। यह विमान कुआलालम्पुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के एक घंटे बाद शुक्रवार को दक्षिण चीन सागर के ऊपर से गुजरते समय लापता हो गया था।
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