भारत ने सीमापार आतंकवाद को लेकर एक बार फिर पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी है. असम दौरे पर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सीमा पार से आतंकवादियों (cross border attacks) के खिलाफ सख्त कदम उठाने से जरा भी नहीं हिचकिचाएगा. राजनाथ ने कहा कि भारत यह संदेश देने में सफल रहा है कि आतंकवाद से सख्ती से निपटा जाएगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी बताया कि बांग्लादेश से घुसपैठ लगभग बंद हो गई है, देश की पूर्वी सीमा पर शांति और स्थिरता है. राजनाथ ने यह संदेश ऐसे वक्त दिया है, जब एक दिन पहले जम्मू के सुजवां में एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम किया गया है. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रविवार को जम्मू दौरा होने वाला है. रक्षा मंत्री ने गुवाहाटी में श्रीमंत शंकरदेव कालक्षेत्र पुरस्कार समारोह में शिरकत की.
इस देश को सुरक्षित रखने का कार्य अगर हमारे सीमा के सैनिक कर रहे हैं, तो इसकी एकता, अखंडता और भाईचारे को बरकरार रखना हमारी जिम्मेदारी है। हमारे देश में हमेशा अमन-चैन बना रहे, आपसी सौहार्द बना रहे और हम लगातार विकास के पथ पर बढ़ते रहें: रक्षा मंत्री श्री @rajnathsingh
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) April 23, 2022
असम सरकार ने यह समारोह वर्ष 1971 के युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों के सम्मान में आयोजित किया है. इन शहीदों ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम (Bangladesh Liberation War) में हिस्सा लिया था. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) , उनके कैबिनेट के सहयोगी और शीर्ष अधिकारी भी इस कार्यक्रम के दौरान उपस्थित थे. रक्षा मंत्री यहां 7वीं इंडिया इंडस्ट्रियल फेयर (उद्यम 2022) में भी शामिल हुए. राजनाथ सिंह के दौरे को लेकर गुवाहाटी में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए थे.
याद करिए 1971 की उस लड़ाई को।पूरी जंग की कमान संभालने वाले जनरल मानेकशॉ एक पारसी थे। उस समय एयर फोर्स के चीफ, पी.सी.लाल हिंदू थे। नार्दन सेक्टर में उस समय तैनात मार्शल लतीफ मुस्लिम थे और ईस्टर्न कमांड में तैनात लेफ्टीनेंट जनरल जगजीत अरोड़ा एक सिख थे: रक्षा मंत्री
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) April 23, 2022
1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में शामिल पूर्व सैनिकों को सम्मानित करने के बाद संबोधन में राजनाथ ने कहा, सरकार भारत से आतंकवाद का सफाया करने के अभियान में जुटी है. भारत ने दिखा दिया है कि अगर उसकी सरजमीं पर हमला हुआ तो वो सख्त जवाबी कार्रवाई करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, भारत पश्चिमी सीमा पर जिस तनाव से निपट रहा है, वैसा पूर्वी सीमा पर नहीं है, क्योंकि बांग्लादेश एक मित्र देश है.
कुछ लोग यह मानते हैं कि AFSPA हटे, यह भारतीय सेना नहीं चाहती है। मैं आज इस मंच से कहना चाहता हूं कि भारतीय सेना की internal Security के मामले में न्यूनतम भूमिका होती है। सेना तो यही चाहती है कि जल्द ही जम्मू और कश्मीर में हालात पूरी तरह से सामान्य हो और वहां से भी AFSPA हट सके:RM
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) April 23, 2022
राजनाथ ने कहा, घुसपैठ की समस्या लगभग पूरी तरह खत्म हो गई है. पूर्वी सीमा पर पूरी तरह शांति एवं स्थिरता कायम है. हाल ही में पूर्वोत्तर के विभिन्न क्षेत्रों से अफस्पा (AFSPA) हटाए जाने के बीच राजनाथ ने कहा, सरकार हालात में सुधार के साथ उचित कदम उठा रही है. उन्होंने स्पष्ट किया कि ये भ्रम है कि सेना चाहती है कि अफस्पा हमेशा लागू रहे. उन्होंने कहा कि अफस्पा प्रभावी रहने के लिए हालात जिम्मेदार हैं, न कि सेना.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं